मणिपुर का जिरीबाम जिला लगातार हिंसा की आग में सुलग रहा है। ताजा हिंसा मामले में उग्र भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। स्थानीय पुलिस ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि भीड़ संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा रही है।

    

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्रदर्शनकारी की मौत सुरक्षा बलों की गोली से हुई है। दरअसल, यह घटना तब हुई जब उग्रवादियों द्वारा अगवा की गई महिलाओं और बच्चों की हत्या के विरोध में जिरीबाम पुलिस स्टेशन क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों विरोध कर रहे थे और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। मृतक की पहचान के. अथौबा के रूप में हुई है।

घर का सामान आग के हवाले 

उग्र प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस और बीजेपी के कार्यालयों और जिरीबाम के निर्दलीय विधायक के घर में तोड़फोड़ और आगजनी की है। यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने विधायक के घर में घुसकर संपत्ति नष्ट की और घर से फर्नीचर, कागज और अन्य चीजें बाहर लेकर लाए और उसमें आग लगा दी।

विधायकों के घरों में आग लगाई

प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर के कई मंत्रियों और विधायकों की घरों में तोड़फोड़ की है और उसमें आग लगा दी है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू का समय बढ़ा दिया है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी। फिलहाल इंफाल घाटी में लगातार हिंसा हो रही है। 

जारी रहा कर्फ्यू

कर्फ्यू में सिर्फ फार्मेसी की दुकानें खुल रहेंगी। इसके अलावा बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा। इसके साथ ही सुरक्षा बलों ने इंफाल के कुछ हिस्सों में गश्त तेज कर दी है और कई विधायकों के घरों के साथ-साथ सचिवालय, राज्य बीजेपी मुख्यालय और राजभवन की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों पर तैनाती बढ़ा दी है।

एनपीपी का बीजेपी से समर्थन वापस

इस बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी ने रविवार को बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। एनपीपी ने सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए कहा कि एन बीरेन सिंह सरकार राज्य के संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है। एनपीपी के पास 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में सात विधायक हैं। 

 

हालांकि, एनपीपी के द्वारा समर्थन वापस लेने से बीजेपी सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भगवा पार्टी अपने 32 विधायकों के साथ बहुमत में है। राज्य में बीजेपी को को नागा पीपुल्स फ्रंट के पांच और जदयू के छह विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

नदी में तैरती मिलीं लाशें

बता दें कि मणिपुर में सोमवार को जिरीबाम में एक शिविर से छह लोगों के लापता होने की खबर आई। इसके बाद हथियारों के साथ उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के शिविर पर हमला कर दिया, जिसमें 10 कुकी उग्रवादियों की मौत हो गई। वहीं, रविवार को दो लोगों के शव बराक नदी में तैरते हुए पाए गए। इससे दो दिन पहले तीन लोगों के शव जिरीबाम में जिरी नदी में तैरते हुए पाए गए थे। माना जा रहा है कि ये वही लोग हैं जो शिविर से लापता हो गए थे।