रायबरेली से सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान को मुद्दा बना लिया है। राहुल गांधी का कहना है कि हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को जानकारी देना अपराध है। यह भी पूछा कि यह किसके आदेश पर किया गया और इस वजह से हमारी वायुसेना को कितने विमान खोने पड़े? राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने कहा कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। 

 

17 मई को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था, "ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को संदेश भेजा गया था कि हम आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं। सेना पर हम हमला नहीं कर रहे हैं। इस वजह से सेना के पास इसमें दखल न देने और अलग रहने का विकल्प है। मगर उन्होंने अच्छी सलाह न मानने का फैसला किया।" अब राहुल गांधी ने एस. जयशंकर के इसी बयान को मुद्दा बनाया है।

 

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विवाद पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

कांग्रेस और राहुल गांधी का पूरा जोर इस बात पर है कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही पाकिस्तान को जानकारी दी गई थी। मगर विदेश मंत्रालय का कहना है कि ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान को बताया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि एस. जयशंकर ने बयान दिया था कि हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दी थी। वे ऑपरेशन सिंदूर के बाद के पहले चरण की बात कर रहे थे। मगर इसे गलत तरीके पेश किया गया और ऑपरेशन शुरू होने से पहले का बताया जाने लगा। यह तथ्य गलत है।

डीजीएमओ की पाकिस्तान से हुई थी बात?

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने बयान में भारत के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और पाकिस्तानी के डीजीएमओ के बीच हुई कॉल का जिक्र किया था। यह बातचीत 7 मई की रात 1 से 1:30 बजे के बीच हुई थी। भारतीय सशस्त्र बल बातचीत से पहले ही पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह कर चुके थे। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने पाकिस्तान को बताया था कि हमला सिर्फ आतंकी ठिकानों पर किया गया है। किसी भी सैन्य ढांचे को निशाना नहीं बनाया गया है।

फाइटर प्लेन खोने पर क्या बोली थी सेना?

ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग में जब एयर मार्शल एके भारती से पूछा गया था कि पाकिस्तान ने कुछ फाइटर प्लेन मार गिराने का दावा किया है तो इस पर उन्होंने कहा था कि किसी हम युद्ध की स्थिति में हैं और नुकसान इसका एक हिस्सा है। सवाल यह है कि क्या हमने अपना उद्देश्य हासिल कर लिया है? इसका जवाब हां हैं। जहां तक डिटेल्स की बात है तो इस समय मैं उस पर कोई कमेंट नहीं करूंगा, क्योंकि हम अभी भी युद्ध में हैं। हम विरोधी को कोई बढ़त नहीं देना चाहते हैं। हमारे सभी पायलट सुरक्षित वापस आ चुके हैं।

 

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'राहुल गांधी को सियासत में ज्यादा दिलचस्पी'

शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे का कहना है कि युद्ध जैसे देश में पूरा देश एकजुट होता है और सशस्त्र बलों का समर्थन करता है। मगर मुझे लगता है कि राहुल गांधी को देशभक्ति से ज्यादा सियासत करने में दिलचस्पी है। एक तरफ पूरा देश एकजुट होकर सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है, वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी जैसे लोग सशस्त्र बलों का मनोबल गिरा रहे हैं। सियासत से उठकर देश के बारे में सोचना जरूरी है। वे अपने सांसद शशि थरूर को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में जब पूरे विपक्ष को एक साथ आना चाहिए तब कांग्रेस का यह रुख बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

सशस्त्र बलों को खतरे में डाला: श्रीनेत

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कई सवाल उठते हैं। आपने पाकिस्तान को पहले से क्यों आगाह किया? क्या आप पाकिस्तान पर इतना भरोसा करते थे कि वह चुपचाप बैठा रहेगा और कुछ नहीं करेगा? मैं यह क्यों न मानूं कि पाकिस्तान ने खूंखार आतंकवादियों को आगाह किया होगा, इस वजह से हाफिज सईद और मसूद अजहर बच निकले? मैं यह क्यों न मानूं कि आपने भारतीय सशस्त्र बलों को खतरे में डाला?  श्रीनेत ने आगे कहा कि अपनी प्रेस वार्ता में सशस्त्र बलों ने माना कि कुछ नुकसान उठाना पड़ा है। क्या देश को इसके बारे में जानने का हक नहीं है?