प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इन्सेंटिव (Employment Linked Incentive, ELI) योजना को मंज़ूरी दे दी। इस योजना का उद्देश्य देश में बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजन करना और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सहित अन्य क्षेत्रों में सोशल सिक्योरिटी यानी सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाना है।
यह योजना केंद्रीय बजट 2024-25 में घोषित 5 प्रमुख रोजगार योजनाओं में से एक है, जिनका कुल बजट ₹2 लाख करोड़ है और जिनसे लगभग 4.1 करोड़ युवाओं को नौकरी और स्किल डेवलेपमेंट के अवसर मिलेंगे।
करोड़ों युवाओं को नौकरी देना
ELI योजना के लिए ₹99,446 करोड़ का बजट तय किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में देशभर में 3.5 करोड़ से अधिक नई नौकरियां युवाओं को दी जाएं। इनमें से 1.92 करोड़ वे युवा होंगे जो कि पहली बार नौकरी शुरू करने वाले होंगे। इस योजना का लाभ उन नई नौकरियों पर लागू होगा जो 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित की जाएंगी।
इस योजना के दो भाग हैं। पहले भाग में पहली बार नौकरी पाने वालों को लाभ मिलेगा जबकि दूसरे पार्ट में नौकरी देने वालों के लिए इन्सेंटिव की व्यवस्था है।
भाग A: पहली बार नौकरी पाने वालों के लिए लाभ
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जो युवा पहली बार EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में रजिस्टर्ड होंगे, उन्हें एक महीने की सैलरी (अधिकतम ₹15,000) का इन्सेंटिव दिया जाएगा।
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यह इन्सेंटिव दो किस्तों में मिलेगा – पहली किश्त 6 महीने की नौकरी पूरी करने पर, और दूसरी किश्त 12 महीने की नौकरी पूरी करने और फाइनेंशियल लिटरेसी ट्रेनिंग के बाद।
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बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए कुल राशि का एक हिस्सा सेविंग अकाउंट में रोका जाएगा, जिसे भविष्य में निकाला जा सकेगा।
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इससे 1.92 करोड़ युवाओं को फायदा मिलने की उम्मीद है।
भाग B: एंप्लॉयर के लिए इन्सेंटिव
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सभी सेक्टर में अतिरिक्त नौकरियों को सृजन करने पर नौकरियां देने वालों को इन्सेंटिव मिलेगा, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को विशेष बढ़ावा मिलेगा।
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जिन कर्मचारियों की सैलरी ₹1 लाख तक है, उनके लिए सरकार ₹3000 प्रति माह तक दो वर्षों के लिए इन्सेंटिव देगी।
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मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को यह लाभ तीसरे और चौथे साल तक भी मिलेगा।
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शर्त है कि कंपनी कम से कम 6 महीने तक नौकरी बनाए रखे।
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अगर किसी संगठन में 50 से कम कर्मचारी हैं, तो उन्हें कम से कम 2 नई भर्तियां करनी होंगी। जिन संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम 5 नई भर्तियां करनी होंगी।
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इससे लगभग 2.60 करोड़ नई नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
भुगतान कैसे किया जाएगा?
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भाग A के तहत कर्मचारियों को पैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (ABPS) से सीधे बैंक खाते में दी जाएगी।
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भाग B के तहत नौकरी देने वालों को भुगतान उनके PAN लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा।
क्या है उद्देश्य?
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मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को इन्सेंटिव देने के लिए ज्यादा सालों तक लाभ।
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काम करने वालों को औपचारिक कार्य क्षेत्र से जोड़कर सामाजिक सुरक्षा कवरेज देना।
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युवाओं में बचत की आदत और पैसे को लेकर जागरूकता को बढ़ाना।
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महिलाओं का सशक्तीकरण करना।