भारत में प्रतिबंधित छात्र इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के पूर्व महासचिव और आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में दोषी साकिब नाचन की शनिवार दोपहर न्यायिक हिरासत में मौत हो गई। साकिब 66 साल का था। नाचन को दिसंबर 2023 में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पडघा से एनआईए ने गिरफ्तार किया था। उस पर आईएसआईएस समेत कई विदेशी आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप था। नाचन इससे पहले भी कई आतंकी मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सजा काट चुका था।

 

एक अधिकारी ने बताया कि साकिब को कुछ दिन पहले ब्रेन हेमरेज की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि ठाणे के पडघा इलाके के निवासी साकिब को चार दिन पहले दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिकारी ने बताया कि साकिब तिहाड़ जेल में बंद था और तबियत बिगड़ने पर उसे मंगलवार (24 जून) को अस्पताल ले जाया गया था।

ब्रेन हेमरेज होने की पुष्टि

उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने बाद में साकिब को ब्रेन हेमरेज होने की पुष्टि की। अधिकारी ने बताया कि शनिवार को साकिब की हालत बिगड़ गई और दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद साकिब का शव उसके परिवार को सौंप दिया जायेगा और रविवार को पडघा के निकट बोरीवली गांव में उसका अंतिम संस्कार किया जायेगा।

 

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एनआईए ने लगाया था आरोप

साल 2023 में साकिब नाचन की गिरफ्तारी के समय एनआईए ने कहा था कि नाचन कथित रूप से आईएसआईएस की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल था। एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि साकिब आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) के निर्माण, प्रशिक्षण और परीक्षण में कथित रूप से शामिल था।

आरोपियों के साथ मिलकर काम कर रहा था

संघीय एजेंसी ने बताया था कि साजिश के तहत साकिब अन्य आरोपियों के साथ मिलकर काम कर रहा था, जिसे पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल मामला भी कहा जाता है। सूत्रों ने बताया कि सप्ताह की शुरुआत में साकिब के बेटे और वकील उससे मिलने के लिए अस्पताल गए थे। साकिब को 2002-03 में मुंबई में हुए बम धमाकों में भूमिका के लिए 2016 में दोषी ठहराया गया था। अधिकारी ने बताया कि 10 साल की सजा पूरी करने के बाद साकिब बाहर आ गया था। 

 

2023 में साकिब को प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस के आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने के मकसद से तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों के निर्माण सहित आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए एनआईए ने कई अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। एनआईए के अनुसार, साकिब मुख्य आरोपी था और गिरफ्तार किए गए समूह का स्वयंभू नेता था और उसने प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने वाले लोगों को आईएसआईएस के स्वयंभू ‘खलीफा’ के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाने का अधिकार ग्रहण कर लिया था। 

 

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गांव को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र घोषित किया

जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपियों ने गांव को ‘मुक्त क्षेत्र’ और अपनी कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र घोषित कर दिया था। अधिकारी ने बताया कि जून के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बोरीवली, पडघा में 22 स्थानों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया और साकिब के रिश्तेदारों सहित कई संदिग्धों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में पूछताछ के बाद जाने दिया गया। 

 

उन्होंने बताया, 'इन छापेमारियों के संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए, जो इस विशेष सूचना पर आधारित थे कि साकिब और उसके साथियों ने गांव के लोगों का बहला-फुसलाकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए उकसाया।' इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पडघा और पड़ोसी भिवंडी में सुरक्षा बढ़ा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि यहां साकिब का अंतिम संस्कार किया जाएगा।