केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कर्नाटक का दौरा करके शुक्रवार को मुंबई पहुंचे। उन्होंने मुंबई पहुंचकर अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के मौके पर NAFED द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। गृह मंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि पूरी दुनिया के लिए सहकारिता एक आर्थिक व्यवस्था हो सकती है लेकिन भारत के लिए ये एक पारंपरिक जीवन का दर्शन है।

 

उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक साथ में आना, साथ में सोचना और साथ में काम करना, सुख और दुख दोनों में साथ देना, ये भारत के जीवन दर्शन की आत्मा है।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, 'सहकारी मॉडल के आधार पर देश में राष्ट्रीय टैक्सी शुरू की जाएगी, जिसमें टैक्सी चालक सिर्फ इससे संबंधित नहीं होंगे, बल्कि भारत सहकारी टैक्सी के मालिक होंगे। इसका फायदा सीधे टैक्सी चालकों के बैंक खातों में जाएगा।'

 

एक नई पहल शुरू होगी

अमित शाह ने कहा कि लगभग सवा सौ साल पुराने सहकारिता आंदोलन में इस देश के गरीब, किसान और महिलाओं के जीवन का एक तरह से सहारा बनने का सहकारिता आंदोलन ने किया है। शाह ने आगे कहा कि सहकारी मॉडल के आधार पर राष्ट्रीय टैक्सी नाम की एक नई पहल शुरू की जाएगी। इस व्यवस्था में टैक्सी चालक न केवल सेवा से जुड़े होंगे बल्कि वे भारत सहकारी टैक्सी के मालिक भी होंगे। लाभ सीधे उनके बैंक खातों में जाएगा।

सहकारिता मंत्रालय ने ढेर सारे कदम उठाए- शाह

गृह मंत्री शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने हमारे किसानों को समृद्ध करने और एक समृद्ध इको सिस्टम में रहने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। इसकी मांग कितने सालों से की जा रही थी लेकिन किसी ने पूरी नहीं की। कहते थे सहकारिता राज्य का विषय है, केंद्र इसमें क्या करेगा? अब सहकारिता मंत्रालय ने ढेर सारे इनिशेटिव लिए हैं।

त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना करने का फैसला किया है। शाह ने कहा कि इसको लेकर भारत सरकार ने बिल पारित कर दिया है, जिसका भूमि पूजन अगस्त महीने में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने तकनीक के सुधार के लिए भी ढेर सारा काम किया है।