नवजोत सिंह सिद्धू महीनों के संघर्ष के बाद एक बार फिर बेहद खुश नजर आए हैं। वजह उनकी पत्नी, नवजोत कौर सिद्धू के चौथे स्टेज का कैंसर ठीक हो गया है। नवजोत कौर, पंजाब के कैप्टन सरकार में मंत्री भी रही हैं। नवजोत सिंह ने इस भावनात्मक मौके पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि उनकी पत्नी ने कैंसर से चौथे स्टेज को मात दे दी है।

नवजोत सिंह सिद्धू की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पत्रकार सुरिंदर पाल के मुताबिक सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी के बचने की संभावना केवल 3 प्रतिशत थी। उनका शरीर जर्जर हो गया था। वे कैंसर की इस कठिन के बारे में बोलते हुए भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी पत्नी ने कैंसर को मात दी और अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। कई साल से राजनीतिक और पारिवारिक मोर्चे पर जूझ रहे सिद्धू अब राहत महसूस कर रहे हैं और भगवान को शुक्रिया कह रहे हैं।
 

कैंसर और डाइट पर क्या बोले सिद्धू?
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि उनकी पत्नी ने जीवनशैली में कुछ बदलाव किया, जिसके बाद उनकी पत्नी के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हुआ। वे बताते हैं कि उनकी पत्नी ट्रीटमेंट के दौरान कच्ची हल्ती, सेब साइडर सिरका, नींबू पानी नियमित लेती थीं। नवजोत कौर, इलाज के दौरान 10 से 12 नीम के पत्ते और तुलसी का सेवन करती थीं। नवजोत कौर ने कद्दू, अनार, गाजर, आंवला, चुकंदर और अखरोट से बने खट्टे फल और जूस भी नियमित तौर पर लेती थीं। नवजोत सिद्धू ने कहा कि कैंसर के इलाज के दौरान जामुन भी इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार है।

नवजोत कौर सिद्धू और नवजोत सिंह सिद्धू। 



क्या थी नवजोत कौर की डायट?
नवजोत कौर ने इलाज के दौरान चावल और रोटी से परहेज किया। उन्हें क्विनोआ दिया जाता था। वे सुबह दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, गुड़ और इलायची के मसालों से तैयार चाय पीती थीं। वे एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी कैंसर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करती थीं। नारियल, तेल, कोल्ड प्रेस्ड तेल और बादाम का तेल, उनके खान-पान में शामिल था। नवजोत, केवल 7ph लेवल का पानी पीती थीं। यह उनकी डाइट का अहम हिस्सा था। 

कहां हुआ नवजोत कौर का इलाज, कितना खर्चा आया?
नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनकी पत्नी ने कैंसर को हरा दिया, क्योंकि वे बेहद अनुशासित रहीं। उनके इलाज पर कुछ लाख रुपये खर्च हुए। ज्यादातर ट्रीटमेंट सरकारी अस्पताल में चला। डॉक्टरों को उनके बचने की उम्मीद कम थी। उन्होंने दृढ़ संकल्प की वजह से इस बीमारी को मात दी। 

नवजोत सिद्धू बताते हैं कि डॉक्टरों ने बहुत हिम्मत और बहादुरी से कैंसर का सामना किया है। उन्होंने कहा कि कैंसर को अनुशासन, साहस और स्वस्थ जीवनशैली से हराया जा सकता है।'

खुद जेल में, पत्नी को कैंसर, किस दर्द से गुजरा है सिद्धू परिवार?
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी जब बीमार पड़ीं तो सिद्धू परिवार मुश्किलों से जूझ रहा था। नवजोत सिंह सिद्धू साल 1988 के एक रोड रेज डेथ केस में जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वे जेल गए थे। वे पटियाला सेंट्रल जेल में बंद रहे थे। सिद्धू गैर इरादतन हत्या के एक केस में कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहे थे। उनकी पत्नी को तभी कैंसर डिटेक्ट हुआ था। उन्होंने एक इमोशनल चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह ईश्वर की मर्जी है, किसी का इसमें हाथ नहीं है। 

बेहद मुश्किल दौर से गुजरा है सिद्धू परिवार।



इधर जेल, सियासी दुश्मनों से पंगा, उधर कैंसर, कैसा रहा दोहरा संघर्ष?
नवजोत सिंह सिद्धू, 1983 के रोडरेज केस में जेल में थे। वे ठीक इसके पहले राज्य में सियासी जंग से जूझ रहे थे। पंजाब कांग्रेस के लिए साल 2019 से लेकर 2022 तक का वक्त बेहद उठापठक वाला रहा। उनका तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह से सियासी पंगा चला। कांग्रेस यूपी मानवाधिकार प्रकोष्ठ के सचिव रहे प्रमोद उपाध्याय बताते हैं जब सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे, सीएम के साथ उनकी बन नहीं रही थी। सिद्धू ही थे, जिनकी वजह से कैप्टन को इस्तीफा देना पड़ा था। 



सिद्धू अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देते थे। कई अनियमितताओं को लेकर उन्हें सवाल खड़े किए थे। वे बिजली, करप्शन, ड्रग्स और ट्रांसफर को लेकर सरकार से लड़ रहे थे। जब चरणजीत सिंह चन्नी, कैप्टन की जगह मुख्यमंत्री बनाए गए, तब भी सिद्धू ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। 15 जनवरी 2017 को सिद्धू ने बीजेपी का साथ छोड़ा था, कांग्रेस में शामिल हुए थे। उसके बाद से कांग्रेस में सिद्धू का संघर्ष चलता रहा। वे सिद्धू कैबिनेट में मंत्री रहे, उनकी पत्नी भी मंत्री रहीं लेकिन इसके बाद भी अपने सियासी तेवरों की वजह से सिद्धू कांग्रेस में परेशान ही रहे। नवजोत सिद्धू 20 मई 2022 को जेल गए थे, इसके बाद मार्च 2023 में उनकी पत्नी को कैंसर डिटेक्ट हुआ था। नवजोत कौर ने कैंसर को मात दे दी है।

लिजा रे से हिना खान तक, इन सितारों ने भी जीती है कैंसर से जंग
साल 2001 में एक फिल्म आई थी कसूर। इसकी लीड हिरोइन थीं लीजा रे। उनके लुक्स और एक्टिंग की खूब चर्चा हुई थी। जब वे अपने करियर के पीक पर थीं, तब उन्हें कैंसर हो गया। साल 2010 में उनका कैंसर पूरी तरह से ठीक हुआ और अब वे सामान्य जिंदगी जी रही हैं। मनीषा कोइराला, सोनाली बेंद्रे, युवराज सिंह जैसे चर्चित हस्तियों ने कैंसर को मात दी है। छोटे पर्दे की मशहूर हिरोइन हिना खान, स्टेज-3 के कैंसर से जूझ रही हैं। कैंसर का सामना करना, हर किसी के लिए आसान नहीं होता। इन सितारों की कहानियां बताती हैं कि अगर धैर्य है, तभी कैंसर से जंग जीती जा सकती है।

लिजा रे, हिना खान, सोनाली बेंद्रे और युवराज सिंह।



डिस्क्लेमर: आयुर्वेद और आहार से जुड़ी जिन चीजों के बारे में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने अनुभव साझा किए हैं, उनकी पुष्टि खबरगांव नहीं करता है। सही इलाज के लिए केवल चिकित्सकीय परामर्श लें।