नक्सल मोर्चे पर जवानों को बड़ी सफलता मिली है। 20 लाख के इनामी नक्सली और कमांडर गजरला रवि को ग्रेहाउंड जवानों ने ढ़ेर कर दिया है। स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर अरुणा को भी मार गिराया है। अरुणा पर भी 20 लाख रुपये का इनाम था। अरुणा वही नक्सली है जिसके प्यार में पड़कर बड़े नक्सल लीडर चलपति ने गैंग से दूरी बना ली थी और पूरी कमेटी के विरोध के बावजूद चलपति ने अरुणा से शादी की थी। कुछ महीनों पहले ही जवानों ने चलपति को भी एक एनकाउंटर में मार गिराया। उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था और अब आंध्र छत्तीसगढ़ बॉर्डर से उसकी पत्नी अरुणा का भी खात्मा कर दिया गया है।

 

बीते सालों में पिछली सरकारों का नक्सलियों के प्रति रवैया लगातार बदलता रहा है। रमन सिंह नक्सलियों के जड़ से खात्मे की बात करते थे तो भूपेश बघेल ने शपथ लेने के कुछ दिनों बाद नक्सलियों के साथ बातचीत करके मामला सुलझाने की बात कही थी लेकिन अब छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों के जड़ से खात्मे की बात कह रही है और केन्द्रीय गृह मंत्रालय का रुख इसे लेकर साफ है। इसलिए न सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में भी नक्सलियों के खिलाफ जोरदार काउंटर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। 2024 से अब तक 402 नक्सलियों को मार गिराया गया है। जिसमें डेढ़ करोड़ का ईनामी नक्सली बसवराजू भी शामिल है।

 

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साल 2025 की शुरुआत से ही छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश, दोनों ही राज्यों ने नक्सलियों के गढ़ को निशाना बनाया जा रहा है और काफी इलाकों में घुस-घुसकर नक्सलियों का खात्मा किया जा रहा है। इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश के ग्रे हाउंड जवानों ने छत्तीसगढ़ आंध्र बॉर्डर पर मौजूद मारेडपल्ली इलाके में ऑपरेशन चलाया और 2 बड़े नक्सल लीडर गजरला रवि और अरुणा समेत 3 नक्सलियों को मार गिराया।

कौन थे अरुणा और गजरला रवि?

 

गजरला रवि नक्सलियों के सीनियर लीडर्स में से एक था। गुट में लंबे सालों से ऐक्टिव था और स्पेशल जोन कमेटी का सीनियर मेंबर था। उसके सिर पर 40 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। गजरला के अलावा उसके कई नाम थे। जैसे - गणेश, आनंद, उदय। गजरला रवि आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले का रहने वाला था। जहां के वेलिशाला में वह पैदा हुआ था।

 

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गजरला मोस्टली छत्तीसगढ़ में ही ऐक्टिव था। वैसे तो गजरला के सिर पर कई सारे आरोप थे लेकिन जो सबसे बड़ा आरोप लगा था, वह था 10 फरवरी 2012 को BSF की टीम पर हमला करने का। इस अटैक में BSF कमांडेंट समेत 3 जवान शहीद हो गए थे। गजरला ने इस अटैक के बाद जवानों के हथियार भी लूट लिए थे। 2014 से ही गजरला फरार था और उसकी खोज की जा रही थी।

 

अरुणा भी स्पेशल जोनल कमेटी की मेंबर थी और सीनियर नक्सल लीडर थी। उसकी उम्र 47 साल की हो चुकी थी। उसके सिर पर 20 लाख रुपये का इनाम था। अरुणा सबसे पॉपुलर नक्सल लीडर्स में एक थी। कारण चलपति के साथ उसके प्रेम संबंध। नक्सलियों के सबसे टॉप लीडर्स पोलित ब्यूरो में शामिल होते हैं। चलपति इसी पोलित ब्यूरो का मेंबर था और उसे अपने साथी नक्सली से प्यार हो गया था। पोलित ब्यूरो ने इस संबंध का विरोध भी किया था लेकिन उसके बावजूद चलपति ने अरुणा से शादी कर ली थी और गुट से थोड़ा अलग-थलग हो गया था। कुछ महीनों पहले ही जवानों ने 1 करोड़ के इनामी चलपति को एनकाउंट में मार गिराया और अब अरुणा का भी खात्मा हो गया है।

 

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इस एनकाउंटर से ठीक 12 दिन पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली थी। सुरक्षाबल ने 45 लाख के इनामी नक्सल भास्कर और 1 करोड़ के इनामी नक्सल सुधाकर को मार गिराया था। अगर गजरला रवि और अरुणा को मिला लिया जाए, तो साल 2025 में ही जवानों ने नक्सलियों के टॉप के 13 लीडर्स का खात्म कर लिया है। 

 

कौन-कौन हैं वे लीडर्स?

 

  • डेढ़ करोड़ का इनामी बसवाराजू
  • 1 करोड़ का इनामी चलपति
  • 45 लाख की इनामी रेणुका
  • 25 लाख की इनामी मधु के अलावा निर्मला, रूपेश, दसरू, रणधीर, जोगन्ना, सुधाकर और भास्कर मारे जाने वाले नक्सल लीडर्स की लिस्ट शामिल हैं।

 

वैसे तो साल 2024 से अबतक नक्सल एनकाउंटर में 402 नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है लेकिन अगर सिर्फ 2025 की ही बात करें तो अबतक करीब 240 नक्सलियों को मार गिराया गया है। नक्सलियों पर इतने बड़ी स्ट्राइक का कारण है गृहमंत्रालय की डेडलाइन। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए मार्च 2026 तक की डेडलाइन तय की है। अगस्त 2024 में बस्तर दौरे के दौरान अमित शाह ने यह ऐलान किया था। शाह ने चेतावनी दी थी कि सरेंडर पॉलिसी, हमले और विकास के दम पर नक्सलियों का खात्मा किया जाएगा।

 

शाह के इस दावे को इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है नक्सलियों के गढ़ पर अब सिक्योरिटी फोर्स लगातार ऑपरेशन्स कर रही हैं। लगातार एनकाउंटर जारी है। जिससे नक्सलियों के पैर उखड़ते जा रहे हैं।