केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक अनोखा कदम उठाया है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और हाइवे बनाने वाली कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने खुद के यूट्यूब चैनल बनाएं और हाइवे प्रोजेक्ट के निर्माण के हर चरण के वीडियो नियमित रूप से अपलोड करें। इससे जनता को परियोजनाओं की सही जानकारी मिलेगी और फीडबैक भी आएगा।

 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने नेशनल हाइवे पर होर्डिंग्स लगाने के आदेश दिए हैं, जिन पर क्यूआर कोड होंगे। यात्री इन कोड को स्कैन करके उस सड़क के ठेकेदार, सलाहकार और सरकारी अधिकारियों की पूरी जानकारी देख सकेंगे, जैसे उनके नाम और संपर्क नंबर। गडकरी ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'मैं क्यों गाली खाऊं? क्यूआर कोड पर ठेकेदार, सलाहकार और सड़क पास करने वाले अधिकारियों की जानकारी होगी। अगर सड़क खराब है और सोशल मीडिया पर शिकायतें आ रही हैं, तो इसे गंभीरता से लें। सड़क निर्माण में ए से जेड तक मालिकाना हक, ईमानदारी और सकारात्मक रवैया चाहिए। सड़कें अच्छी बनें और अच्छी रहें।'

 

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बहाना नहीं चलेगा

गडकरी ने जोर देकर कहा कि लोग टोल दे रहे हैं, तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सड़कें मिलनी चाहिए। 'मौसम या खराब बिटुमेन बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने कहा, ‘अगर सड़क आरामदायक नहीं है, तो सुधारें – लागत बढ़ेगी, लेकिन आराम पर समझौता नहीं।' मंत्री ने परफॉर्मेंस ऑडिट की वकालत की, ताकि डिजाइन और रखरखाव की कमियां पता चलें, जवाबदेही बढ़े और अच्छे काम को इनाम मिले। गडकरी ने कहा, 'नियमित ऑडिट से पारदर्शिता बढ़ती है और बहाने कम होते हैं। इसी तरह काम करना चाहिए।'

 

एक कार्यक्रम में सड़क परिवहन सचिव वी उमाशंकर ने मंगलवार को एनएचएआई को ऐसे वीडियो जनता के लिए अपलोड करने के निर्देश दिए। सीआईआई के इवेंट में उन्होंने कहा, 'हमें प्रोजेक्ट्स और समस्याओं की जानकारी अक्सर स्वतंत्र यूट्यूबर्स के वीडियो से मिलती है। कुछ कमेंट्स से भी मुद्दे समझ आते हैं। हम वीडियो अपलोड को प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा बना रहे हैं।' अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर पहले से ड्रोन से वीडियो बनाते हैं, इसलिए उन्हें सार्वजनिक करना आसान होगा। इस कदम से पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता की भागीदारी बढ़ेगी।

25000 सड़कें हो रहीं 4 लेन

गडकरी ने बताया कि 25,000 किलोमीटर हाइवे को 4 लेन का करने और बड़े बंदरगाहों को जोड़ने का काम चल रहा है, जिसकी लागत 2 लाख करोड़ रुपये है। बेहतर कनेक्टिविटी से धार्मिक पर्यटन और एडवेंचर ट्रैवल को बढ़ावा मिल रहा है। मंत्रालय प्रीकास्ट तकनीक को हाइवे निर्माण में अनिवार्य कर रहा है, ताकि गुणवत्ता बेहतर हो और काम तेजी से पूरा हो।

 

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द्वारका एक्सप्रेसवे पर 8,500 पेड़ों को लगाने का उदाहरण देते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन बनाए रखने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़कें लॉजिस्टिक्स और ईंधन की लागत कम करेंगी। 'भारत में 80% माल सड़क से, 18% अन्य तरीकों से और सिर्फ 1% हवाई मार्ग से जाता है। अच्छे हाइवे से लॉजिस्टिक्स लागत एक अंक में आ जाएगी।'