अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीयों के मामले लेकर संसद में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा हो रहा है। इस मामले पर विपक्षी पार्टियों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने 'भारत का अपमान नहीं सहेंगे' और 'हिंदुस्तान का ये अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' जैसे नारे भी लगाए। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव भी मौजूद थे।
संसद के अंदर भी विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा था। विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा, 'जिस तरह से उन्हें लाया गया, वो गलत था। उनका अपमान किया गया। उनके हाथ-पैर बंधे हुए थे। जब हमारी सरकार को पता था कि उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है, तो उन्हें वापस लाने के लिए एक विमान भेजना चाहिए था।' उन्होंने कहा, 'भले ही वो वहां अवैध तरीके से गए थे लेकिन उन्होंने वहां कोई बड़ा जुर्म नहीं किया था।'
अमेरिका से बुधवार को 104 भारतीय आए हैं। अमेरिकी सेना के विमान से इन्हें डिपोर्ट किया गया है। वापस आए लोगों का दावा है कि उन्हें हाथ में हथकड़ी और पैर में जंजीर बांधकर लाया गया था। इसे अमृतसर एयरपोर्ट पर खोला गया।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'जो लोग भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना दिखा रहे थे, वो अब चुप क्यों है? भारतीय नागरिकों को गुलामों की तरह हथकड़ी लगाकर और अमानवीय हालात में भारत भेजा जा रहा है। विदेश मंत्रालय क्या कर रहा है? सरकार ने बच्चों और महिलाओं को इस अपमान से बचाने के लिए क्या किया? हम चाहते हैं कि सरकार इस पर जवाब दे।'
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प्रियंका बोलीं- PM ने ऐसा क्यों होने दिया?
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा। उन्होंने कहा, 'ऐसा कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी बहुत अच्छे दोस्त हैं। पीएम मोदी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या हम उन्हें वापस लाने के लिए अपना विमान नहीं भेज सकते थे? क्या इंसानों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है? क्या इंसानों को ऐसे हथकड़ी और बेड़ियां पहनाकर वापस भेजा जाता है? विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए।'
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'अमेरिका और भारत के बीच अच्छे संबंध हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और पैरों में बेड़ियां डालकर सैन्य विमान से वापस भेजा है, वो बिल्कुल अमानवीय है। मैं हैरान हूं कि प्रधानमंत्री चुप हैं। मुझे लगता है कि विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री को इस पर बारे में बयान देना चाहिए।'
वो अपराधी नहीं हैंः शशि थरूर का अमेरिका को जवाब
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने भारतीयों को डिपोर्ट किया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल बाइडेन सरकार ने 1,100 से ज्यादा भारतीयों को डिपोर्ट किया था।
शशि थरूर ने कहा, 'अगर आप अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं तो अमेरिका के पास आपको डिपोर्ट करने का अधिकार है और अगर भारतीय के रूप में आपकी पहचान होती है तो आपको स्वीकार करने का दायित्व भारत का है।'
थरूर ने आगे कहा, 'ये सुनने में अच्छा नहीं लगा कि उन्हें सैन्य विमान से जबरन वापस लाया गया। हथकड़ी लगाई गई। ये गैरजरूरी थी। अगर आप मास डिपोर्टेशन करना चाहते हैं तो इसे सिविल चार्टर पर करें। ऐसा करना ज्यादा मानवीय होता। वो अपराधी नहीं हैं। उन्हें किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है। अपनी जिंदगी बेहतर बनाने के लिए उन्होंने आपके कानूनों को तोड़ने की कोशिश की है। इसलिए आप उन्हें बाहर भेज सकते हैं। मगर उन्हें हथकड़ी लगाना, सैन्य विमान में डालना और इस तरह से भेजना, मुझे लगता है कि भारत सरकार को कहना चाहिए कि ये सही नहीं है।'
104 भारतीय आए हैं वापस
अमेरिकी सेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान बुधवार को 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर पहुंचा। इन भारतीयों पर अमेरिका में अवैध तरीके से रहने का आरोप है। अमृतसर पहुंचे इन भारतीयों में से जो पंजाब के हैं, उन्हें पुलिस की गाड़ी से उनके गांव ले जाया जा रहा है। दूसरे राज्यों के लोगों को फ्लाइट के जरिए भेजा जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद ये पहला मौका है जब भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका से वापस भेजे गए इन भारतीयों में से 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात के हैं। 30 लोग पंजाब से हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से 3-3 और चंडीगढ़ से 2 हैं। डिपोर्ट किए गए भारतीयों में 13 नाबालिग हैं, जिनमें एक 4 साल का बच्चा भी शामिल है। एक भारतीय ने दावा किया है कि उन्हें अमेरिका से हथकड़ी लगाकर लाया गया है।