वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शनिवार (1 फरवरी) को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने इस बार के बजट में मध्यम वर्ग, महिलाएं, किसान इनकम टैक्स, नौकरियों, बिहार आदि को लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं। इसको लेकर सत्ता पक्ष ने बजट की तारीफ की है, वहीं विपक्ष को लेकर निराशा जताई है। 

 

तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है। पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस साल बिहार में चुनाव हैं, इसलिए उसे ध्यान में रखते हुए बिहार के लिए बजट पेश किया गया है। बिहार को सब कुछ दिया गया है। जुलाई 2024 में जब बजट पेश किया गया था, तो आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए सब कुछ किया गया था। पिछले 10 सालों से बीजेपी सत्ता में है और बंगाल को कुछ नहीं मिला, यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।' 

 

बसपा सुप्रीमो ने सरकार को घेरा

 

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'देश में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की जबरदस्त मार के साथ ही सड़क, पानी, शिक्षा, सुख-शान्ति आदि की जरूरी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण लगभग 140 करोड़ की भारी जनसंख्या वाले भारत में लोगों का जीवन काफी त्रस्त है, जिसका केन्द्रीय बजट के माध्यम से भी निवारण होना जरूरी।'

 

'किन्तु वर्तमान भाजपा सरकार का भी बजट, कांग्रेस की ही तरह, राजनीतिक स्वार्थ का अधिक व जन एवं देशहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं है तो इस सरकार में भी लोगों का जीवन लगातार तंग, बदहाल व दुखी क्यों? ’विकसित भारत’ का सपना  बहुजनों के हित का भी होना जरूरी।'

 

भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का?

 

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ये भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का? वित्त मंत्री के पूरे बजट भाषण में क्या बिहार के अलावा किसी और राज्य का नाम सुना? जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें पूरे देश के लिए कुछ होना चाहिए। यह दुखद है कि जिस बैसाखी पर सरकार चल रही है उसे स्थिर रखने के लिए देश के बाकी हिस्सों के विकास को दांव पर लगा दिया गया है।

 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्रीय बजट पर कहा, 'यह वही पुराना बजट है जो हम पिछले 10 सालों से सुनते आ रहे हैं। इसमें न तो गरीब, न किसान और न ही मध्यम वर्ग को कुछ मिलता है। आज का बजट पिछले 10 सालों का सबसे कमजोर बजट रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से इस बारे में (12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट) कोई जानकारी नहीं दी, यह सरकार का पुराना तरीका है कि वे कुछ दिखाते हैं और जब हम विस्तार से देखते हैं, तो हमें पता चलता है कि कुछ नहीं मिला।'

 

केजरीवाल की अनोखी मांग

 

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से एक मांग की थी, जो पूरी नहीं होने पर उन्होंने निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के कर्ज़े माफ करने में चला जाता है। मैंने मांग की थी कि बजट में ये ऐलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के कर्ज़ माफ नहीं किए जाएंगे। इस से बचने वाले पैसे से मिडल क्लास के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट दी जाए, किसानों के कर्ज़े माफ किए जायें। इनकम टैक्स और GST की टैक्स दरें आधी की जायें। 

 

केजरीवाल ने कहा कि मुझे दुख है कि ये नहीं किया गया है।

 

कुंभ हादसे को लेकर सपा का सवाल

 

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने केंद्रीय बजट पर कहा, बजट में कुछ भी नया नहीं था। समाजवादी पार्टी मांग करती है कि सरकार महाकुंभ में जान गंवाने वाले सभी श्रद्धालुओं का ब्यौरा दे। हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि वह त्रासदी के पीछे का कारण बताएं और यह भी बताएं कि क्या वे इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित करेंगे।'

 

वहीं, शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बजट पर कहा, 'जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, उनके नाम सबसे ज्यादा लिए गए, फिर से बिहार और असम का नाम लिया। पंजाब का नाम भी नहीं लिया जहां किसान MSP की गारंटी के लिए धरने पर बैठे हैं। किसानों की लड़ाई को बिल्कुल भी नहीं सुना गया, इसलिए मुझे दुख है।'

 

बिहार से आई प्रतिक्रिया

 

जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने बजट को लेकर कहा कि बिहार के लिए सबसे बड़ी घोषणा यह है कि एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनेगा। मखाने की वैश्विक मांग है। मखाना बोर्ड के गठन से बहुत फायदा होगा, यह एक बड़ी घोषणा है। पश्चिमी कोसी नहर पूरे मिथिला की लंबे समय से लंबित मांग थी, जिसके लिए वित्त मंत्री ने घोषणा की है। कुल मिलाकर बजट बिहार के लिए सुखद है। मध्यम वर्ग को दी गई कर छूट एक बहुत बड़ी घोषणा है, राहत है।

 

पूर्व पीएम ने स्वागल किया

 

वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने बजट का स्वागत करते हुए कहा, 'निर्मला सीतारमण ने कई अच्छे बिंदुओं को उठाया है, जिससे मध्यम वर्ग सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। कृषि क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र और कई क्षेत्रों को उन्होंने कवर किया है।'

 

इसके अलावा शिवसेना(UBT) और डीएमके ने भी बजट को बिहार में ध्यान में रखकर बनाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।