पहलगाम में हुए हमले की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कड़े शब्दों में निंदा की है और साथ ही दोषियों को चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से धर्म विशेष के लोगों को निशाना बनाकर आतंकवादियों द्वारा कायराना हरकत की गई है, जिसमें कई निर्दोंष लोगों की जान चली गई है उसके लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, 'हम न सिर्फ इस साजिश को रचने वालों तक पहुंचेंगे बल्कि पर्दे के पीछे के लोगों तक भी पहुंचेंगे..'

 

हम सभी गहरे शोक और दर्द में हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। भारत का एक एक नागरिक इस कायरतापूर्ण हरकत के खिलाफ एकजुट है। मैं देशवासियों को इस मंच से आश्वस्त करता हूं कि भारत सरकार हर वह कदम उठाएगी जो जरूरी और उपयुक्त होगा। और हम सिर्फ उन लोगों तक नहीं पहुंचेंगे जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है बल्कि उन लोगों तक भी पहुंचेंगे जिन्होंने पर्दे के पीछे बैठकर हिंदुस्तान की सरजमीं पर ऐसी नापाक साजिशें रची हैं। भारत इतनी पुरानी सभ्यता और इतना बड़ा देश है जिसे ऐसी आतंकवादी हरकतों से डराया नहीं जा सकता है। ऐसी हरकतों का जिम्मेदार लोगों को आने वाले कुछ ही समय में इसका अंजाम नजर आएगा।

 

यह भी पढ़ें-- 90 के दशक में लौट जाएगा कश्मीर! पहलगाम अटैक बर्बाद कर देगा टूरिज्म?

 

कोड नेम इस्तेमाल कर रहे थे आतंकी

पर्यटकों पर गोलीबारी करते समय यह तीनों आतंकी कोड नेम- मूसा, यूनुस और आसिफ का इस्तेमाल कर रहे थे। जानकारों का मानना है कि अपनी असली पहचान छिपाने के लिए आतंकी इस कोड नेम का इस्तेमाल कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि यही तीनों आतंकी पहले भी पुंछ में कई हमलों को अंजाम दे चुके हैं।

 


इस हमले में कितने आतंकी शामिल थे, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। हालांकि, कुछ चश्मदीदों का कहना है कि 4-5 आतंकी आए थे और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी थी। इस बीच सोशल मीडिया पर एक और तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक आतंकी AK-47 के साथ नजर आ रहा है। हालांकि, इस तस्वीर में उसका चेहरा नहीं दिख रहा है। 

 

 

क्या हुआ था

मंगलवार को पहलगाम के बायसरन घाटी में दिन के वक्त कुछ आतंकवादियों ने वहां पर मौजूद पर्यटकों पर गोलियां चलाना  शुरू कर दीं। चश्मदीदों के मुताबिक उन्होंने वहां पर मौजूद लोगों का धर्म पूछा और जो लोग गैर-मुस्लिम थे उनको गोली मार दी। कुछ लोगों का कहना है कि वहां मौजूद किसी शख्स ने अगर अपने को मुस्लिम बताया तो उससे कलमा पढ़ने को कहा गया।

 

यह भी पढ़ें-- 'जाओ मोदी को बता दो', पहलगाम में आतंकियों ने कैसे मचाया कत्लेआम?