खुफिया एजेंसियों ने कश्मीर घाटी में 14 एक्टिव आतंकवादियों की पहचान की है। इनमें 8 लश्कर-ए-तैयबा, 3 जैश-ए-मोहम्मद और 3 हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हैं। इन आतंकवादियों की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है और ये पाकिस्तानी आतंकवादियों को लॉजिस्टिक्स और स्थानीय खुफिया जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पहचाने गए आतंकवादियों में शामिल हैं:
लश्कर-ए-तैयबा: आदिल रहमान डेंटू, आसिफ अहमद शेख, अहसान अहमद शेख, हारिस नजीर, आमिर नजीर वानी, यावर अहमद भट, नसीर अहमद वानी शाहिद अहमद कुटे।
हिजबुल मुजाहिदीन: आसिफ अहमद खांड, जुबैर अहमद वानी और हारूद राशिद गनई।
जैश-ए-मोहम्मद: आमिर अहमद डार, अदनान साफी डार और जाकिर अहमद गनी।
सुरक्षा बल इन आतंकवादियों की तलाश में है और कई ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ कर रहे हैं। हाल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां और सख्ती से कार्रवाई कर रही हैं। कुल मिलाकर क्षेत्र में 50-60 आतंकवादी एक्टिव होने का अनुमान है लेकिन इन 14 के ठिकानों और जानकारी की पुष्टि हो चुकी है।
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सीमा पार से हासिल कर रहे निर्देश
हाल के महीनों में, खासकर 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत में कश्मीर में आतंकी हमलों में तेजी आई है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बड़े हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्थानीय सूत्रों, तकनीकी निगरानी और ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ के आधार पर 14 आतंकवादियों की पहचान की है। ये आतंकवादी घाटी में सक्रिय आतंकी नेटवर्क का हिस्सा हैं और सीमा पार से निर्देश प्राप्त कर रह हैं।
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इन योजनाओं में शामिल ये 14 आतंकी
ये 14 आतंकवादी ने केवल हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल हैं बल्कि वे हथियार, विस्फोटक , खुफिया जानकारी एकत्र करने और नए आतंकवादियों की भर्ती में भी एक्टिव हैं। कई आतंकवादी स्थानीय हैं जो उन्हें स्थानीय इलाकों में आसानी से घुलने-मिलने और सुरक्षा बलों से बचने में मदद करता है।
कुछ आतंकवादी, जैसे लश्कर के आदिल रहमान और जैश के आमिर अहमद डार को हथियारों की तस्करी और सीमा पार से संचालित होने वाले आतंकी मॉड्यूल्स के साथ समन्वय करने का संदेह है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF, और भारतीय सेना ने घाटी में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किए हैं। शोपियां, अनंतनाग, और श्रीनगर जैसे इलाकों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां ये आतंकवादी सक्रिय हैं।