पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल की रात को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर कई सैन्य चौकियों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की, जिसका भारतीय सेना ने भी प्रभावी ढंग से जवाब दिया। यह घटना पहलगाम आतंकी हमले के तीन दिन बाद हुई, जिसमें 26 लोग अधिकत्तर टूरिस्ट मारे गए थे। भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, इस गोलीबारी में भारतीय पक्ष को कोई हताहत नहीं हुआ और स्थिति नियंत्रण में है। पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर कई स्थानों पर बिना उकसावे के गोलीबारी की। भारतीय सेना ने निंयत्रित और संतुलित तरीके से जवाब दिया, जिसमें कोई नुकसान नहीं हुआ। सेना ने 2021 में डीजीएमओ समझौते के उल्लंघन पर जोर देते हुए शांति बनाए रखने की बात दोहराई।
छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी
श्रीनगर के एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, '25-26 अप्रैल की रात को, पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर में एलओसी पर कई चौकियों पर बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की।' भारतीय सेना ने छोटे हथियारों से 'उचित और प्रभावी' जवाब दिया। सैन्य सूत्रों ने पुष्टि की कि 24 अप्रैल को भी इसी तरह की गोलीबारी हुई थी, जिसका जवाब दिया गया। बता दें कि 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे। भारत ने इसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) का हमला बताया, जिसमें तीन पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल थे।
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भारत ने हमले को 'सीमा पार आतंकवाद' से जोड़ा और कड़े कदम उठाए, जैसे:
इंडस वाटर ट्रीटी (1960) को निलंबित करना।
अटारी-वाघा सीमा बंद करना।
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश।
राजनयिक संबंधों को कम करना और दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करना।
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पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और इसे 'फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन' करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। उसने भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद किया, व्यापार निलंबित किया, और भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।