ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान को मुद्दा बनाया। इस पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को डीजीएमओ के माध्यम से हमले की जानकारी आतंकियों को मारने के बाद दी गई थी। दरअसल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि ऑपेशन के शुरुआत में पाकिस्तान को जानकारी दी गई थी। उनके इसी बयान को विपक्ष ने मुद्दा बनाया और ऑपरेशन से पहले जानकारी साझा करने का आरोप लगाया। हालांकि विदेश मंत्रालय ने पहले भी स्पष्टीकरण जारी किया था और कहा था कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। 

 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी। दुनिया को पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने यह भी अपील की है कि आतंक के सभी रूपों के खिलाफ एक साथ आने की जरूरत है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के बारे में रणधीर जायसवाल ने कहा कि सात प्रतिनिधिमंडल हैं। तीन प्रतिनिधिमंडल रवाना हो चुके हैं। यह एक राजनीतिक मिशन है। हम आतंकवाद से लड़ने के अपने संकल्प को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। सीमा पार से होने वाले आतंकवाद पर दुनिया अब पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराए। 

 

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33 देश जाएंगे प्रतिनिधिमंडल

पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर घेरने के उद्देश्य से भारत 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेज रहा है। रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों में जा रहे हैं। ये सभी देश हमारे मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदार हैं। हमारे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। उनमें से कई देश सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं या आने वाले दिनों में इसका हिस्सा बनेंगे। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी था कि हम इन देशों में जाएं और आतंकवाद पर भारत का संदेश बताएं। उन्होंने कहा कि लातविया, लाइबेरिया और कांगो अभी सुरक्षा परिषद में जाने वाले हैं, ऐसे में इनकी भूमिका अहम है। 

 

 

दो दिन पहले 19 और 20 मई को विदेश मंत्री ने नीदरलैंड का दौरा किया। वहां उनकी मुलाकात नीदरलैंड के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री से हुई। इसके अलावा वे भारतीय समुदाय और थिंक टैंक के लोगों से भी मिले और सभी से चर्चा की। हमें विश्वास है कि इस दौरे से नीदरलैंड और भारत की दोस्ती, साझेदारी और संबंधों में मजबूत आएगी।

भारत ने पाकिस्तानी कर्मचारियों को क्यों निकाला?

भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के दो कर्मचारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया था। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी ऐसी गतिविधियां में शामिल थे, जो उनकी आधिकारिक पोस्टिंग के खिलाफ थी। इसी कारण उन्हें भारत छोड़ने को कहा गया। एक कर्मचारी भारत छोड़ चुका है। दूसरे को कल 24 घंटे में भारत छोड़ने को कहा गया था।

 

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इजरायली कर्मचारियों की हत्या की निंदा

अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या पर भारत ने संवेदना व्यक्त की। रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह बेहद हैरान करने वाली घटना है। हम हमले की निंदा करते हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी व्यक्त की। कहा कि इस कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है और राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। 

 

तुर्किये पर क्या बोला विदेश मंत्रालय?

तुर्किये के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि तुर्की पाकिस्तान से आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से पले-बढ़े आतंकी ईको-सिस्टम के खिलाफ कार्रवाई की अपील करेगा। उन्होंने आगे कहा कि संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनाए जाते हैं। वहीं सेलेबी मामले पर तुर्की दूतावास के साथ बातचीत हुई है।