आज भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर लगातार 12वीं बार तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पाकिस्तान के साथ टकराव, जवानों की वीरता और ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए अहम जगहों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने ऐलान किया है कि भारत में 'सुदर्शन चक्र' डिफेंस सिस्टम डेवलप किया जाएगा। पीएम ने कहा कि यह देश का महत्तवकांक्षी सुदर्शन चक्र मिशन है, जिसका उद्देशय अगले 10 सालों में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है। 

 

सुदर्शन चक्र मिशन के तहत देश के अहम स्थानों पर अत्याधुनिक तकनीकी कवच बनाया जाएगा। इस मिशन की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अगले 10 सालों में मैं राष्ट्रीय सुरक्षा कवच को और मजबूत, विस्तृत और आधुनिक बनाना चाहता हूं।' उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन का जिक्र करते हुए कहा,  'भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेकर सुदर्शन चक्र की राह चुनी है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि 2035 तक इस सिस्टम का विस्तार किया जाएगा और इस सिस्टम से देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करेगा।

 

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'सुदर्शन ने सूरज को रोक दिया था'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'महाभारत की लड़ाई के दौरान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में अंधेरा कर दिया था। तब अर्जुन ने जयद्रथ का वध करने की शपथ पूरी हुई थी। अब देश सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करेगा। यह मिशन एक पावरफुल सिस्टम होगा। यह दुश्मन के हमले नाकाम करने के साथ दुश्मन पर हिटबैक भी करेगा। हमें भारत के मिशन सुदर्शन के लिए मूलभूत बातें तय की हैं। ये पूरा आधुनिक सिस्टम होगा और इसका रिसर्च-डेवलमेंट देश में ही हो, देश के नागरिकों की तरफ से ही हो।' प्रधानमंत्री मोदी ने सुदर्शन चक्र की ताकत के बारे में कहा,  'वह जहां जाना होता था, वहीं जाता था यानी प्रिसाइज था। इसके जरिए भी हम टारगेटेड तरीके से आगे बढ़ेंगे। मैं प्रतिबद्धता से इसे आगे बढ़ाने का वचन देता हूं।'

युवाओं से मांगा सहयोग

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियर, युवाओं से मेक इन इंडिया मिशन के लिए आगे आने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'क्या हमारा अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट के देश के लिए होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? क्या यह समय की मांग नहीं की रिसर्च और डेवलपमेंड पर और ताकत लगाएं, हमारे अपने पेटेंट हों और नई-नई दवाइयों की खोज हो जो कि संकट के समय काम आए।' पीएम ने युवाओं से कहा देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए।

 

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इस मिशन में क्या होगा?

यह सुदर्शन चक्र एक ताकतवर वेपन सिस्टम दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज तो करेगा ही बल्कि दुश्मन पर कई गुना तेज पलटवार भी करेगा। पीएम ने कहा, 'हमने मिशन सुदर्शन चक्र के लिए कुछ मूलभूत बातें भी तय की हैं, हम 10 साल में उसे पूरी तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं। मैं 2035 तक इसके लिए राष्ट्रीय कवच को विस्तार देना चाहता हूं। उसकी मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पूरी रिसर्च देश में देश के लोग ही करें। वॉरफेयर के हिसाब से उसका हिसाब-किताब लेकर हम इस पर प्लस वन की नीति से काम करेंगे। सुदर्शन चक्र की एक खासियत थी कि उसका जो निशाना होता था, वहीं तक जाता था और फिर वापस आ जाता था। हम भी सुदर्शन चक्र की तरह टारगेट के आधार पर आगे बढ़ेंगे।'

पाकिस्तान से निपटने की तैयारी

माना जा रहा है कि दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से लेकर पंजाब-राजस्थान-गुजरात तक सीमावर्ती इलाकों में भी ये डिफेंस सिस्टम की एक मजबूत दीवार बनेगा। देश के महत्वपूर्ण सैन्य संस्थान, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन से लेकर पुल-सुरंग तक ये अहम डिफेंस नेटवर्क तैयार होगा। 2035 तक इस सिस्टम का विस्तार किया जाएगा, जिससे किसी भी बाहरी खतरे से आसानी से निपटा जा सकता है। ये नया सुरक्षा कवच ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है।

 

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सुदर्शन चक्र डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के चलते और भी अहम हो जाता है। इसी साल 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इससे पहले भी पाकिस्तान में बैठे आतंकी भारत पर हमले करते रहते हैं। 26/11 मुंबई हमला और 2002 में संसद पर हमले जैसी सुरक्षा चूक दौबारा ना हो इसलिए अगले 10 सालों में इस सिस्टम से डिफेंस कवच को और ज्यादा मजबूत किया जाएगा।