प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 124वें 'मन की बात' कार्यक्रम में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से लेकर प्राचीन किले समेत देश की तमाम उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज पूरे भारत के बच्चों में अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा की एक नई लहर फैली है। आज अकेले अंतरिक्ष क्षेत्र में 200 से अधिक स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं। 

 

पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि विकसित भारत का मार्ग आत्मनिर्भरता से गुजरता है। वोकल फॉर लोकल आत्मनिर्भर भारत का सबसे मजबूत आधार है। पीएम मोदी ने कहा कि शुभांशु के पृथ्वी पर सुरक्षित उतरते ही पूरा देश गर्व से झूम उठा। देश वासियों के लिए गर्व की बात यह है कि यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों में 12 मराठा किलों को शामिल किया है। 

 

पीएम मोदी ने झारखंड के गुमला जिले की एक प्रेरक कहानी साझा की। पीएम मोदी ने बताया कि गुमला के ओमप्रकाश साहू ने हिंसा का रास्ता छोड़ मछली पालन किया। उन्होंने अपने अन्य साथियों को भी प्रेरित किया। पहले बंदूक थामने वाले हाथों में अब मछली पकड़ने का जाल है। उन्होंने बताया कि ओमप्रकाश साहू की शुरुआत आसान नहीं थी। विरोध हुआ, धमकियां मिलीं, लेकिन हौंसला नहीं टूटा।

 

'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' के बाद उन्हें सरकार ने ट्रेनिंग दी। तालाब बनाने में मदद की। आज सिर्फ बासिया ब्लॉक के 150 से अधिक परिवार मछली पालन से जुड़ चुके हैं। कई लोग पहले नक्सली संगठन में थे। मगर आज गांव में सम्मान से जीवन जी रहे हैं। 

असम में हुई चिड़ियों की गणना

मन की बात में पीएम मोदी ने चिड़ियों की गणना का जिक्र किया। उन्होंने बताया असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में एक शानदार पहल की गई। अपने गैंडों की लिए मशहूर इस इलाके में घास के मैदान में रहने वाली चिड़ियों की गणना हुई। गणना से 40 से अधिक प्रजातियों की पहचान हुई और इसमें कई दुर्लभ पक्षियां भी शामिल हैं। तकनीक के आधार पर इन पक्षियों की पहचान हुई। गणना करने वाली टीम ने आवाज को रिकॉर्ड करने वाले यंत्र लगाए। कंप्यूटर से इन आवाजों का विश्लेषण किया गया। एआई की मदद से आवाज की पहचान की गई।  

क्योंझर की टोली की कहानी बताई

पीएम मोदी ने ओडिशा के क्योंझर जिले में एक अद्भुत कार्य का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यहां राधाकृष्ण संकीर्तन मंडली नाम की एक टोली है। भक्ति के साथ यह टोली पर्यावरण संरक्षण का मंत्र जप रही है। प्रमिला प्रधान ने पारंपरकि गीतों में नए बोल जोड़कर नया संदेश दिया। प्रमिला की टोली ने गांव-गांव जाकर लोगों को यह बताया कि जंगल में लगने वाली आग से कितना नुकसान होता है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि ऐसे उदाहरण हमें यह याद दिलाते हैं कि हमारी लोक परंपराओं में आज भी समाज को दिशा देने की शक्ति है।

संथाली साड़ियां बना रहीं आदिवासी महिलाएं 

पीएम मोदी ने मन की बात में बताया कि देशभर में 3000 से अधिक टेक्सटाइल स्टार्टअप चालू हैं। कई स्टार्टअप ने भारत के हथकरघा को वैश्विक पहचान दिलाई। 2047 के विकसित भारत का रास्ता आत्मनिर्भरता से होकर गुजरता है और आत्मनिर्भर भारत का सबसे बड़ा आधार है। वोकल फॉर लोकल- जो चीजें भारत में बनी हों, जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहा हो, वही खरीदें और वही बेचें, यही हमारा संकल्प होना चाहिए।

 

महाराष्ट्र के पैठण गांव की कविता धवले का पीएम ने जिक्र किया। पीएम ने कहा कि कविता पहले एक छोटे से कमरे में काम करती थीं। उनके पास जगह और सुविधा नहीं थी। बाद में सरकार ने मदद की। अब उनकी कमाई तीन गुना अधिक है और अपनी बनाई पैठणी साड़ियां बेच रही हैं। 

 

पीएम ने ओडिशा के मयूरभंज जिले की 650 से अधिक आदिवासी महिलाओं की सफलता की कहानी भी साझा की। यह महिलाएं संथाली साड़ियां तैयार करती हैं। बिहार के नालंदा से नवीन कुमार की प्रेरणादायक कहानी भी बताई। नवीन का परिवार कपड़ा उद्योग से कई पीढ़ियों से जुड़ा है। अब परिवार के बच्चे हथकरखा तकनीकी की पढ़ाई करने के बाद कई बड़े ब्रांड में काम कर रहे हैं। 

कालिंजर किले का किया जिक्र 

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, आमेर, जैसलमेर के किले विश्व प्रसिद्ध हैं। कर्नाटक में गुलबर्गा का किला भी बहुत बड़ा है। चित्रदुर्ग किले की विशालता कौतूहल से भर देगी कि उस जमाने में ये किला कैसे बना होगा। पीएम मोदी ने यूपी के बांदा जिले में स्थित कालिंजर किले का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि महमूद गजनवी ने कई बार इस किले पर हमला किया और हर बार उसे विफलता मिली।

 

पीएम ने कहा कि बुंदेलखंड में ही कालिंजर की तरह ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार और चंदेरी में हैं। यह किले सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं है, ये हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं। पीएम मोदी ने देशवासियों से इन किलों की यात्रा करने की अपील की।