जम्मू-कश्मीर में अब एक चुनी हुई सरकार है। भले ही पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं है लेकिन 5 साल बाद आई चुनी हुई सरकार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ अच्छे रिश्ते रखते हुए चल रही है। चुनाव जीतने के दौरान ही जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाएगी और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देगी। आज जब पीएम नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने भी इसी ओर इशारा किया। राज्य का दर्जा बहाल करने का जिक्र किए बिना ही पीएम मोदी ने कहा कि वह अपने वादे पूरे करते हैं और सही चीजें सही समय पर ही होंगी। जिस तरह से उमर अब्दुल्ला ने उनका स्वागत किया और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वह साथ खड़े दिखे, उसने एक सकारात्मक तस्वीर भी पेश की है।

 

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी जल्द ही रेलगाड़ी से जुड़ जाएगी और इसे लेकर लोगों में उत्साह है। पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में यहां जेड-मोड़ सुरंग के पास हुए आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण पर 2,716.90 करोड़ रुपये की लागत आई है। सुरंग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री इसके अंदर गए और परियोजना से जुड़े अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने उन निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने सुरंग का निर्माण पूरा करने के लिए कठिन परिस्थितियों में काम किया। उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

अब्दुल्ला की मांग, मोदी का जवाब

 

पीएम मोदी की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने भाषण के दौरान जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर डाली। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग का जिक्र किए बगैर कहा, 'आपको विश्वास करना होगा कि यह मोदी है और वह अपने वादे पूरे करता है। हर चीज के लिए एक सही समय होता है और सही चीजें सही समय पर ही होंगी।' प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर देश का ताज है और वह चाहते हैं कि यह सुंदर और समृद्ध बने। उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल है और हमने इसका पर्यटन पर असर देखा है। कश्मीर आज विकास की नई गाथा लिख ​​रहा है।'

 

उन्होंने आगे कहा, 'आज मैं एक बड़ी सौगात लेकर आपके एक सेवक के रूप में आपके बीच आया हूं। कुछ दिन पहले मुझे जम्मू में आपके अपने रेल डिवीजन का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। ये आपकी बहुत पुरानी डिमांड थी। आज मुझे सोनमर्ग टनल देश को और आपको सौंपने का मौका मिला है। यानी जम्मू-कश्मीर की, लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है।'

 

 

पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद मोदी की यह पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा है। मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच बनाई गई 6.5 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सुरंग में इमरजेंसी की स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा निकासी मार्ग भी है। यह सुरंग दो दिशाओं के यातायात के लिए होगी। समुद्र तल से 8,650 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन वाले मार्गों से अलग लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी। 

क्या है जम्मू-कश्मीर की स्थिति?

 

अगस्त 2019 में जब अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया था, तब जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा भी समाप्त कर दिया गया था। उससे पहले जम्मू-कश्मीर एक ऐसा राज्य था जिसका खुद का संविधान और खुद का झंडा भी हुआ करता था। 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। इसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है और लद्दाख बिना विधानसभा वाला। विधानसभा वाले जम्मू-कश्मीर में पिछले साल चुनाव हुए और नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने जीत हासिल की। इसी जीत के बाद उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के सीएम बने।