ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अपना पक्ष रखने के लिए कुल 7 डेलिगेशन दुनिया के तमाम देशों में भेजे थे। अब इस डेलिगेशन में शामिल ज्यादातर नेता भारत लौट आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली में अपने आवास पर इन सभी नेताओं से मुलाकात की और उनसे उनका अनुभव जाना। PM नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट करके इन नेताओं की तारीफ भी की कि उन्होंने भारत का पक्ष बेहद मजबूती से रखा। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद विपक्षी नेताओं जैसे कि सुप्रिया सुले और मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा और आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता प्रकट की। अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने भी बताया कि उनकी प्रधानमंत्री से क्या बातचीत हुई और पीएम मोदी ने उनसे क्या कहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, डेलिगेशन के सदस्यों ने अलग-अलग देशों में हुई अपनी मीटिंग के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी। डेलिगेशन के नेताओं ने बताया कि कैसे उन्होंने अलग-अलग देश के सामने आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती से रखा। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी सभी डेलिगेशन में शामिल लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ-साथ अन्य प्रतिनिधियों और ब्यूरोक्रैट्स से भी मिलते रहे।
क्या बोले PM मोदी?
डेलिगेशन के सदस्यों से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने अपने X हैंडल पर एक पोस्ट किया। उन्होंने डेलिगेशन के सदस्यों की तस्वीर के साथ लिखा, 'अलग-अलग देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले कई डेलिगेशन के सदस्यों से मुलाकात की। इन सदस्यों ने शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और आतंकवाद के खात्मे की जरूरत की बात मजबूती से रखी। जिस तरह से इन डेलिगेशन्स ने दुनिया के सामने भारत की आवाज रखी, उस पर हमें गर्व है।'
PM मोदी से मुलाकात के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) यानी NCP (SP) की सांसद सुप्रिया सुले ने अपने X पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, हम पर भरोसा करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट राय रखने और देश की एकता और अखंडता दिखाने की इतनी अहम जिम्मेदारी देने के लिए धन्यवाद।'
मनीष तिवारी ने बताई लोकतंत्र की अहमियत
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने पीएम मोदी के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, 'एक महान लोकतंत्र की ताकत अलग-अलग रास्तों पर चलकर काम करना ही है। हमारे वैचारिक, सैद्धांतिक, राजनीतिक और निजी मतभेद पीछे रखकर राष्ट्र हित में विभाजनकारी राजनीति को पीछे छोड़कर साथ काम करना ही लोकतंत्र की ताकत है और आज की शाम इसी के नाम रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने अनुभव शेयर करना और उनके विचार सुनना काफी अच्छा रहा।'
आपको याद होगा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर नाम से सैन्य कार्रवाई की थी और पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में स्थित कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। इसी ऑपरेशन की जानकारी दुनिया को देने और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई की प्रतिबद्धता के बारे में सबको बताने के लिए भारत ने कुल 7 डेलिगेशन भेजे थे। इन डेलिगेशन में सत्ता पक्ष के सांसदों के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और अन्य पार्टियों के सांसदों को भी प्रमुखता से जगह दी गई थी। इन सांसदों में कांग्रेस के शशि थरूर और सलमान खुर्शीद, NCP की सुप्रिया सुले, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और डीएमके की करुणानिधि कनिमोई प्रमुख रहीं।