प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के साथ सोमवार को परीक्षा पे चर्चा की। उन्होंने इस कार्यक्रम में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ संवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को तनाव से बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पढ़ाई का बोझ मन में नहीं पालना चाहिए। तनाव को कम करने के लिए यह तय कर लें कि आपको कितना पढ़ना है, कैसे खुद को बाहर तनाव से निकाल सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से कहा, 'हमारे समाज में दुर्भाग्य से ये घुस गया कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए, दसवीं-बारहवीं में इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी। इसलिए पूरे घर में तनाव हो जाता है, ऐसे में आपको खुद को तैयार करना है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आप सम्मान मांग नहीं सकते, आपको सम्मान कमाना पड़ेगा। इसके लिए आपको खुद को बदलना होगा। लीडरशिप थोपी नहीं जाती, आपके आस-पास के लोग आपको स्वीकारते हैं। लीडर बनने के लिए टीमवर्क सीखना बहुत जरूरी है, धैर्य बहुत आवश्यक है।'
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'शिक्षा मतलब सर्वांगीण विकास'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'शिक्षा मंतलब संपूर्ण विकास होता है। छात्रों को दीवारों में ही नहीं कैद रहना चाहिए। उन्हें अपने सपनों को आकार देना चाहिए। किसी को यह सोचकर नहीं जीना चाहिए कि परीक्षाएं ही सबकुछ हैं। हम रोबोट की तरह जी नहीं सकते, हम इंसान हैं। आखिरकार हम पढ़ाई क्यों करते हैं? आगे जाने के लिए। हम, हर स्तर पर अपने सर्वांगीण विकास के लिए पढ़ाई करते हैं।'
'वक्त के साथ बहो'
पीएम मोदी ने छात्रों को सीख दी कि हमें वक्त के साथ जीना चाहिए। हर लम्हे का आनंद लेना चाहिए। पीएम ने कहा, 'सबसे अमूल्य टिप है- लिव इन द मोमेंट। अगर वो पल चला गया तो बीत जाएगा, लेकिन अगर उस पल को हमने जी लिया, तो वो जिंदगी का हिस्सा बन जाता है।

परीक्षा की चिंता से कैसे बचें?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'बेचैनी और चिंता से बचने के लिए अपनी भावनाओं को अपनों से साझा करें। अभिभावकों को अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए। उनकी महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देना चाहिए। हर बच्चे में एक अनोखा टैलेंट होता है। स्किल बढ़ाने पर जोर देना चाहिए, जिससे वे अपनी ताकत पहचान पाएं।'
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'फेल होने से जिंदगी अटकती नहीं'
पीएम ने कहा, 'फेल होने से जिंदगी अटक नहीं जाती है। आपको तय करना होगा कि जीवन में सफल होना है कि किताबों से सफल होना है। जीवन में सफल होने का एक उपाय ये होता है कि अपने जीवन की विफलताओं को अपना टीचर बना लें। जीवन सिर्फ परीक्षाएं नहीं हैं, जीवन समग्रता में देखना चाहिए।'
शिक्षकों को पीएम ने क्या दी है सलाह?
पीएम मोदी ने कहा, 'शिक्षकों से भी मेरा आग्रह है कि आप, एक विद्यार्थी की दूसरे विद्यार्थी से तुलना मत कीजिए। किसी विद्यार्थी को और विद्यार्थियों के बीच टोका मत कीजिए। अगर कुछ कहना है, तो उसे अलग से कहिए।'