जालसाज़ों ने शिक्षा के क्षेत्र को भी नहीं बक्शा है। दरअसल, राजधानी दिल्ली में नकली एनसीईआरटी की किताबें बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस ने बकायदा इस के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया है। पुलिस को इस तलाशी अभियान में कुल 1.70 लाख नकली एनसीईआरटी की किताबें मिली हैं। साथ ही पुलिस ने रैकेट में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

 

शाहदरा जिले के डीसीपी प्रशांत गौतम ने इस पूरे फर्जी रैकेट के बारे में बताते हुए कहा कि ये गिरोह नकली एनसीईआरटी छापकर उन्हें असली वाली एनसीईआरटी के नाम और उसी रेट पर बेच रहा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीसीपी ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि शाहदरा में एक रैकेट है जो  NCERT की नकली किताबें छापता है और उन्हें बाजार में एनसीईआरटी के ही रेट पर बेचता था। 

 

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पुलिस ने मौके पर भेजी टीम


डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि हमने जांच करने और रैकेट का पता लगाने के लिए मौके पर एक टीम भेजी। शाहदरा में मंडोली रोड पर अनुपम सेल्स नाम की एक दुकान है। पुलिस की टीम को 27 तरह की नकली किताबें मिलीं। डीसीपी ने बताया कि पुलिस की टीम के साथ में एनसीईआरटी की भी टीम साथ में मौजूद रही, उन्होंने बताया कि ये किताबें नकली हैं। 

 

दो लोगों गिरफ्तार

 

डीसीपी प्रशांत ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके नाम निशांत गुप्ता और प्रशांत गुप्ता हैं। दोनों ने पुलिस के बताया कि उन्होंने ये किताबें अरविंद कुमार नाम के शख्स से खरीदी थीं। इसके बाद जब पुलिस ने मौके पर जाकर अरविंद से पूछताछ किया तो उसने खुलासा किया कि उनका अलीपुर में एक गोदाम है। अरविंद ने बताया कि सभी नकली किताबें उसी गोदाम में जमा की गई हैं और वहीं से उनको बाजार में बेचने के लिए भेजा जाता है। 

 

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पुलिस ने आगे बताया कि इस नकली रैकेट की वजह से सरकार और एनसीईआरटी को भारी राजस्व का घाटा हो रहा था। जब्त की गई 1.70 लाख किताबों की बाजार में कीमत 2.4 करोड़ रुपये है। दरअसल, यह पूरा मामला कॉपी राइट का है, जिसके खिलाफ पुलिस ने एक्शन ले लिया है।