भारतीय रेलवे यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के अलावा परोपकारी काम भी करता है। रेलवे की मदद से मुंबई के एक व्यक्ति ने समय पर गुवाहाटी की रहने वाली अपनी प्रेमका से शादी कर ली।  

 

दरअसल, रेलवे के अधिकारियों की वजह से शादी के लिए मुंबई से गुवाहाटी जा रही बारात को समय पर शादी स्थल पर पहुंचने में मदद की। रेलवे अधिकारियों ने मानवता दिखाते हुए बारात को समय पर पहुंचाने के लिए एक ट्रेन को कुछ समय के लिए रोक लिया। रेलवे के इस कदम की पूरे देश में तारीफ हो रही है। बारातियों ने भी रेलवे और अधिकारियों को धन्यवाद दिया है।

34 बाराती गुवाहाटी पहुंचे

 

बीते शुक्रवार को मुंबई से 34 बारातियों को लेकर आ रही मुंबई-हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस देरी से चल रही थी। इसके चलते बारातियों की कनेक्टिंग ट्रेन हावड़ा-गुवाहाटी सरायघाट एक्सप्रेस के छूटने की संभावना बनने लगी, इससे सभी चिंतिच हो गए। ट्रेन छूटने पर दूल्हे के साथ में सभी बाराती समय पर शादी वाले घर नहीं पहुंच पाते। ट्रेन का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा था बाराती चिंता डूबते जा रहे थे। 

डीआरएम को मिला निर्देश

 

ट्रेन छूटने की स्थिति को देखते हुए दूल्हे चंद्रशेखर डी वाघ ने एक्स पर एक पोस्ट करके रेलवे से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद हावड़ा मंडल रेल प्रबंधक को टॉप अधिकारियों ने जरूरी कार्रवाई करने का एक तत्काल संदेश मिला। एक्सप्रेस को देरी हो गई और वह चार बजे के बाद ही हावड़ा स्टेशन पहुंच पाई। ट्वीट को देखने के बाद रेलवे के टॉप अधिकारियों ने फौरन मैसेज का नोटिस लेते हुए हावड़ा के डीआरएम को बारातियों की मदद करने का तत्काल निर्देश दिया।

थोड़ी देर ट्रेन रूकवाई 

 

अधिकारियों से निर्देश मिलते ही डीआरएम ने फौरन हावड़ा-गुवाहाटी सरायघाट एक्सप्रेस को थोड़ी देर रोकने के लिए कहा। इसके बाद जैसे ही मुंबई-हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस हावड़ा स्टेशन पहुंची तो सभी बारातियों को बैटरी गाड़ी से सरायघाट एक्सप्रेस में बिठा दिया गया। इसके बाद दूल्हा और सभी बाराती समय पर शादी स्थल पर पहुंच गए। रेलवे अधिकारियों ने घटना को लेकर कहा कि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी।  

असमिया-मराठी रीति-रिवाजों से हुई शादी 

 

रेलवे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भारतीय रेलवे ने सरायघाट एक्सप्रेस को कुछ मिनटों के लिए हावड़ा में रोके रखने की व्यवस्था की, जिससे गीतांजलि एक्सप्रेस से आने वाले और गुवाहाटी जाने वाले दूल्हे के साथ बाराती ट्रेन पकड़ सके। बारात ने इस मदद के लिए रेलवे को धन्यवाद दिया है।' बता दें कि दूल्हा-दूल्हन की असमिया और मराठी रीति-रिवाजों से शादी समपन्न हुई।