नेशनल सैंपल सर्वे (NSS) के व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वे 2022-23 की एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में 28 प्रतिशत लोगों को साधारण वाक्य पढ़ना और लिखना तक नहीं आता है। NSS ने 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित क्षेत्रों के लगभग 3 लाख घरों और करीब 13 लाख लोगों का सर्वे किया। इस सर्वे से पता चला कि 15 साल से ऊपर के 28 प्रतिशत लोगों को पढ़ने-लिखने में समस्या है। वहीं, 15 से 24 साल के लोगों का यह आकंड़ा महज 3 प्रतिशत ही है।
हर राज्य में कितना है इसका प्रतिशत?
NSS के सर्वे के अनुसार, राजस्थान में 27 फीसदी लोगों को पढ़ना-लिखना नहीं आता। वहीं, मध्य प्रदेश में इसका आकंड़ा 22 फीसदी हैं। हैरानी होगी, लेकिन इस मामले में उत्तर प्रदेश से अच्छी स्थिति बिहार की है, जहां 24 प्रतिशत लोगों को जोड़ना-घटना नहीं आता है। यूपी में इसकी संख्या 25 फीसदी है। शिक्षित राज्य केरल में यह संख्या महज 2 प्रतिशत हैं। बात करें महाराष्ट्र की तो यहां 12 फीसदी लोग साधारण वाक्य पढ़ने-लिखने में भी असक्षम है।
घर के 500 मीटर के दायरे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट
NSS की व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वे 22-23 के आंकड़े बताते हैं कि शहरों में परिवहन व्यवस्था में बहुत सुधार आया है। 93.7 प्रतिशत लोगों को घर से 500 मीटर के दायरे में ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिल जाता हैं। वहीं, मेट्रो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए एक किमी के दायरे में इसकी सुविधा है। सर्वे कहता है कि जिन राज्यों में मेट्रो की सुविधा नहीं है, वहां निजी वाहनों की संख्या सबसे अधिक है। दिल्ली में 58.7 प्रतिशत लोगों को 1 किमी के दायरे में ही मेट्रो और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिल जाती है। वहीं, निजी वाहनों की संख्या भी 19 प्रतिशत हैं। इसके अलावा बस-टैक्सी की उपलब्धता में राजस्थान राज्य सबसे पीछे है।
15 साल से ऊपर के 40 प्रतिशत लोग नहीं जानते इंटरनेट चलाना
देश में लगभग हर किसी के पास मोबाइल है, लेकिन सर्वे बताता है कि 15 साल से ऊपर के 60 फीसदी लोग ही केवल इंटरनेट चलाना जानते हैं। शहरों में यह आकंड़ा 74 प्रतिशत तो गांव में यह संख्या 54 प्रतिशत है। ऑनलाइन बैंकिंग के मामले में देश के 38 फीसदी लोग ही इसका इस्तेमाल करते हैं। इस मामले में चंडीगढ़ सबसे आगे है।