रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के समन्वय का बेमिसाल उदाहरण बताया। इस दौरान उन्होंने संसद में कहा कि यह कहना गलत और निराधार है कि इस अभियान को किसी दबाव में आकर रोका गया था। उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों से स्थिति साफ कर दी कि यह संघर्ष अमेरिका के दबाव में रोका गया था।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अगर उसकी कुछ ‘गलतफहमी’ बची रह गई है तो उसे भी दूर कर दिया जाएगा। उन्होंने लोकसभा में पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाए।
विपक्ष पर साधा निशाना
उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि उसे यह सवाल पूछने के बजाय कि इस अभियान में भारत के कितने विमान गिरे, ऑपरेशन की सफलता पर बात करनी चाहिए थी। आइए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चर्चा के दौरान कही गई बातों को 10 पॉइंट्स में जानते हैं...\
राजनाथ सिंह के भाषण की 10 बड़ी बातें
- भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि मिशन से पहले जो उद्देश्य तय किए गए थे, उन्हें पूरी तरह हासिल कर लिया गया। किसी दबाव में ऑपरेशन सिंदूर रोकने का आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा, 'मैं सदन को यह भी बताना चाहूंग कि किसी क्षेत्र पर कब्जा करना इस ऑपरेशन का मकसद नहीं था। इसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा सालों से पाले गए आतंकवाद की नर्सरी का अंत करना था। उन लोगों को न्याय दिलाना था जिन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया।'
- 10 मई की सुबह जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरफील्ड पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की। पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम की पेशकश इस शर्त के साथ स्वीकार की गई कि यह अभियान सिर्फ रोका जा रहा है, और अगर भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ तो अभियान फिर प्रारंभ होगा।
- विपक्ष के लोग पूछते हैं कि कितने विमान गिरे। मुझे लगता है कि यह सवाल राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। विपक्ष को अभियान की सफलता पर, दुश्मन सेना को हुए नुकसान पर और आतंकी ढांचों को हुए नुकसान पर सवाल पूछना चाहिए।
- रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि हम आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का संकल्प ले चुके हैं। उन्होंने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, 'हमने यह नहीं पूछा कि कितने विमान गिरे, कितने उपकरणों को नुकसान पहुंचा। किसी भी परीक्षा के बाद परिणाम मायने रखता है, किसकी पेंसिल टूटी, किसका पेन खो गया, इसका विचार नहीं किया जाता। परिणाम यह है कि ऑपरेश्नन सिंदूर में निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण रूप से पाने में भारत को सफलता मिली।'
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद छह-सात मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया जो केवल 22 मिनट चला और इसमें देश के सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक निशाना साधकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। पहलगाम हमले के बाद हमारे पास जवाब देने के लिए कई विकल्प थे। लेकिन उसे चुना जिसमें आतंकियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति नहीं पहुंचे।
- सशस्त्र बलों ने माताओं और बहनों के सिंदूर का बदला लिया। सेनाओं ने अंधेरी रात होने के बाद हमले की सफलता के स्पष्ट सबूत जुटाए हैं। पाकिस्तान हमारे किसी अड्डे को छू नहीं पाया और किसी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा। हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी। पाकिस्तान के इस हमले के जवाब में हमारी कार्रवाई साहसिक और ठोस थी।
- रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैनिकों का मनोबल बुलंदी पर है, उनका संकल्प अडिग है। जवान सीमाओं के साथ ही राष्ट्रीय स्वाभमिान की रक्षा कर रहे हैं। भारत हमेशा से पड़ोसी देशों से मित्रता चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और सरकार का रुख स्पष्ट है कि आतंकवाद और वार्ता साथ में नहीं चल सकते।
- पाकिस्तान ने अपनी विदेश नीति और राजकीय नीति का हथियार आतंकवाद को बना लिया है। पाकिस्तान की सेना और आईएसआई छद्म युद्ध के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाला नया भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी हद तक जा सकता है।
- राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने कभी किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया। हम यह भी जानते हैं कि युद्ध बराबरी वाले से करना चाहिए। शेर अगर मेढ़कों को मारे तो बहुत अच्छा संदेश नहीं जाता। हमारे देश की सेना शेर है।
- रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का पाकिस्तान विरोध उनकी आतंकवाद की नीति के कारण है। हम शांति के लिए हाथ बढ़ाना जानते हैं तो अशांति पैदा करने वाले का हाथ उखाड़ना भी जानते हैं। हमने श्रीकृष्ण से सीखा है कि शिशुपाल की 100 गलतियों को माफ करने के बाद अंत में धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना पड़ता है। अब बहुत हुआ। अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है। हमारी प्रगति भगवान राम और कृष्ण से प्रेरित है। जो शौर्य भी सिखाती है और धैर्य भी है।
