रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 3 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 25 हजार करोड़ के ऋण के लिए कई बैंकों से बात कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में किसी कंपनी द्वारा लिया जाने वाला में सबसे बड़ा विदेशी लोन हो सकता है। यह ऋण रिफाइनेंसिंग यानी कि पुराने ऋण को चुकता करने के लिए लिया जा रहा है।


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अंबानी का 2.9 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 242200 करोड़ का ब्याज सहित ऋण देय है, इसी के लिए रिलायंस कंपनी ऋण ले रही है।

2023 में लिया था 64 हजार करोड़ का ऋण

अगर यह सौदा हो जाता है, तो यह 2023 के बाद से एक अंतराल के बाद रिलायंस का सबसे बड़ा ऑफशोर लोन होगा। उस वर्ष, रिलायंस और इसकी सहायक कंपनी, रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने ऋण के माध्यम से 8 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे। करीब 55 बैंकों ने मिलकर यह ऋण दिया था।

 

साल 2023 के बाद से किसी भारतीय कंपनी द्वारा लिया जाने वाला संभवतः यह  सबसे बड़ा ऋण होगा।

 

यह ऋण ऐसे समय में लिया जा रहा है जब भारतीय रुपया हाल ही में रिकॉर्ड स्तर पर नीचे पहुंच गया है। यह गिरावट भारतीय इक्विटी बाजार से निवेश के बाहर जाने की वजह से हुआ है। इसके बावजूद, रिलायंस इंडस्ट्रीज की मजबूत क्रेडिट प्रोफाइल की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को उधार देने वालों की लंबी लाइन है।

रिलायंस की साख भारत की क्रेडिट साख से बेहतर

रिलायंस इंडस्ट्री क्रेडिट की साख के मामले में भारत सरकार से भी एक कदम ऊपर है। जो कि शायद ही कहीं देखने को मिलती है। पिछले हफ्ते मूडीज़ रेटिंग्स ने कंपनी को BAA2 की रेटिंग दी।

कंपनी के शेयरों में है गिरावट

पिछले 6 महीनों से कंपनी के शेयर में बहुत उछाल देखने को नहीं मिला है। सोमवार को कंपनी के शेयर में 1।16 प्रतिशत की गिरावट के बाद 1296 पर शेयर बंद हुए।