पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सीबीआई ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान मांग की थी कि संजय रॉय का अपराध जघन्य है, उसे फांसी की सजा होनी चाहिए। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई है।

CBI ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' मामलों में फांसी की सजा को जायज माना है। सुप्रीम कोर्ट की इसी गाइडलाइन का जिक्र CBI ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में किया।  

 

CBI का तर्क है कि यह मामला बहुत रेयर है, इसलिए इस मामले में मिसाल कायम की जानी चाहिए, जिससे अपराधियों में खौफ पैदा हो। संजय रॉय को शनिवार को ही एक विशेष अदालत ने रेप और हत्या का दोषी ठहराया था। 6 महीने में ही दोषी को सजा सुनाई जा रही है।  

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा है?
संजय रॉय ने सोमवार को अदालत में दावा किया कि वह निर्दोष है और उसे गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है। संजय रॉय ने कहा था, 'मुझे फंसाया जा रहा है और मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैंने कुछ भी नहीं किया है फिर भी मुझे दोषी ठहराया गया है। जेल में मुझे पीटा गया और मुझसे जबरन कागजात पर हस्ताक्षर करवाए गए।'

पिता को CBI जांच पर था शक
पीड़िता के पिता ने CBI जांच पर सवाल उठाया था। पिता का कहना था कि CBI ने कोर्ट के सामने कभी उनके बयानों को सुनने के लिए बुलाया ही नहीं। पीड़िता के पिता ने कहा था, 'सीबीआई और हमारे वकील ने बार-बार बोला है कि आप कोर्ट नहीं जा सकते। हम तो कभी कोर्ट नहीं गए, हमें मालूम नहीं है कि वहां क्या होता है। कोर्ट में क्या हुआ, हमें इसके बारे में भी कुछ नहीं पता है। जब लड़की की लाश वहां रखी थी, तब भी हमको तीन घंटे तक कॉरिडोर में रोककर रखा था। सीबीआई ने हमें कभी बुलाया नहीं। दो-तीन बार आए जरूर थे वे लोग। जांच के बारे में यही कहते थे कि मामला आगे बढ़ रहा है।'

कब गिरफ्तार हुआ था संजय?
संजय रॉय की गिरफ्तारी 10 अगस्त को हुई थी। पीड़िता के शव के पास मिले ब्लूटूथ ईयरफोन की मदद से आरोपी की पहचान हुई थी। CCTV फुटेज में आरोपी संजय रॉय गले में ब्लूटूथ लटकाकर सेमिनार हॉल के अंदर जाते नजर आया था। बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

59 दिन कोर्ट में चला ट्रायल
सियालदाह कोर्ट में इस केस की सुनवाई 12 नवंबर से शुरू हुई थी। 59 दिन तक इस केस की सुनवाई चली। 9 जनवरी को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान 50 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। पीड़िता के माता-पिता का दावा है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हैं।  

RG कर रेप केस था क्या?
9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। ट्रेनी डॉक्टर के साथ पहले रेप हुआ। रेप के बाद पीड़िता की हत्या कर दी गई थी। संजय रॉय इस कस का मुख्य आरोपी था। संजय आरजी कर मेडिकल कॉलेज में अक्सर जाता था। 

देशभर में हत्या और रेप के बाद प्रदर्शन हुए थे
ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के खिलाफ कोलकाता समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस केस की जांच CBI को सौंपी गई थी। 7 अक्टूबर को सीबीआई ने संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे संदीप घोष को भी गिरफ्तार किया था। फिलहाल संदीप घोष जमानत पर बाहर हैं।