संभल में जामा मस्जिद सर्वे के आदेश के बाद अधिकारी, मस्जिद को सर्वे करने पहुंचे लेकिन वहां मौजूद लोगों ने ऐसा हंगामा किया कि प्रशासन की सांस फूल गई। सुबह 6.30 पर जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक के साथ जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंचे थे। लोगों ने प्रशासन की मौजूदगी पर सवाल उठाए और हंगामा करने लगे। जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो हजारों लोगो ने पुलिस को घेर लिया। पुलिस के लिए स्थिति संभालनी मुश्किल हो गई। दंगा ऐसा भड़ा कि 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
संभल में इंटरनेट बैन, कर्फ्यू जैसी स्थिति
संभल में भड़की हिंसा के बाद 24 घंटे के लिए इंटरनेट बैन कर दिया है। शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। जामा मस्जिद की ओर जाने वाले रास्तों को रोक दिया गया है। हिंसा में 3 युवकों के मौत का दावा किया जा रहा है। मृतकों के परिजन कह रहे हैं कि पुलिस ने गोली मारी है। पुलिस ने साफ कहा है कि फायरिंग में मौत नहीं हुई है।
भीड़ ने गाड़ियों में लगाई आग
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्रहमान बर्क, जिस इलाके में रहते हैं, वहां भी पत्थरबाजी हुई है। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस और प्रशासन पर इतनी पत्थरबाजी की कि उन्हें भागना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया, तब जाकर भीड़ नियंत्रित हुई। भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। हिंसा के बाद कई घंटे पुलिस को संभालने में लग गए। सड़कों पर 4 ट्रॉली पत्थर हटाए गए हैं।


हिंसा पर पुलिस-प्रशासन ने क्या?
मुरादबाद रेंज के DIG मुनिराज ने कहा, 'सर्वे कोर्ट के आदेश पर किया गया था। हमने वहां पुलिस तैनात की थी। कुछ लोगों ने बच्चों को सामने खड़ा कर दिया और हम पर पत्थर फेंकने लगे। पुलिस ने स्थिति संभालने की कोशिश की। कुछ असमाजिक तत्वों ने बर्बरता की है। उन्होंने गाड़ियों में आग लगा दी। हमने 20 लोगों को हिरासत में ले लिया है।'