एविएशन इंडस्ट्री में इंडिगो संकट की वजह से पैदा हुए वैक्युम को भरने के लिए स्पाइस जेट ने कमर कस ली है। बढ़ी हुई डिमांड को पूरा करने के लिए स्पाइस जेट अब फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाएगी। बुधवार को जारी एक बयान में स्पाइस जेट ने कहा कि वह विंटर शेड्यूल के दौरान रोजाना 100 और फ्लाइट्स उड़ाएगा। हालांकि, उसने यह भी कहा कि यह रेग्युलेटरी अप्रूवल मिलने के बाद ही किया जाएगा।
स्पाइस जेट लगातार अपनी क्षमता को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। पिछले दो महीनों में डैंप लीज़ और जमीन पर खड़े प्लेन को रिवाइव करने के बाद 17 हवाई जहाजों को उड़ने के लिए तैयार कर लिया गया है। एयरलाइन का कहना है कि इसकी वजह से मांग बढ़ने पर उसे पूरा किया जा सकेगा और इससे नेटवर्क बेहतर होगा।
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बढ़े शेयरों के दाम
स्पाइसजेट के इस फैसले के बाद स्पाइसजेट के शेयरों में तेजी देखी गई। 10 दिसंबर को स्पाइसजेट का स्टॉक 5% तक बढ़ा और इंट्राडे में 36 रुपये के हाई पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब इंडिगो को पिछले कई दिनों से चल रही उथल-पुथल से निपटने के तरीके के लिए पेनल्टी लगने की संभावना है।
एयरलाइन ने पायलटों की कमी के कारण 5,000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द कर दीं, जिसके बाद सरकार ने उसके अप्रूव्ड विंटर शेड्यूल में 10% की कटौती का आदेश दिया। इस कटौती का मतलब है कि रोज़ाना लगभग 110 उड़ानें दूसरी एयरलाइंस को दी जाएंगी।
इंडिगो का ऑपरेशनल संकट
IndiGo का ऑपरेशनल संकट एक ऐसी एयरलाइन के लिए चौंकाने वाला है जो आमतौर पर भारत के घरेलू ट्रैफिक का लगभग दो-तिहाई हिस्सा संभालती है। एयरलाइन का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरकर 8.5% हो गया, जिससे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद सहित प्रमुख हब पर बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द हुईं। DGCA ने कहा कि IndiGo विंटर शेड्यूल के लिए उसे अलॉट की गई।
इस गड़बड़ी के कारण हजारों यात्रियों को आखिरी समय में बदलाव और वैकल्पिक उड़ानों की तलाश करनी पड़ी। स्पाइसजेट का यह लेटेस्ट विस्तार इसी समय के हिसाब से है, क्योंकि इंडिगो द्वारा जो वैक्युम पैदा हुआ है उससे अन्य घरेलू कंपनियों को अपनी क्षमता बढ़ाने का तुरंत मौका मिल रहा है।
परेशानी होगी कम
यात्रियों को कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है क्योंकि स्पाइसजेट ज़्यादा फ्लाइट्स शुरू कर रही है, जिससे इंडिगो की फ्लाइट्स कैंसिल होने से प्रभावित बिज़ी रूट्स पर दबाव कम हो सकता है। नई फ्लाइट्स शुरू होने से बेहतर कनेक्टिविटी और ज़्यादा विकल्प मिलने की उम्मीद है।
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एविएशन सेक्टर के लिए, इंडिगो की दिक्कतों और स्पाइसजेट के तेज़ी से विस्तार से सर्दियों में यात्रा के दौरान मार्केट शेयर में संभावित बदलाव का संकेत मिलता है। रेगुलेटर पहले ही इंडिगो के शेड्यूल को कंट्रोल करने के लिए कदम उठा चुका है, इसलिए इंडस्ट्री को आगे चलकर कैपेसिटी मैनेजमेंट और सर्विस की विश्वसनीयता पर कड़ी निगरानी का सामना करना पड़ सकता है।
