छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सोमवार को एक आईडी हमले में 8 जवानों समेत 9 लोगों की मौत हो गई। देश में लगभग हर साल कोई न कोई नक्सल हमले की खबर आती ही रहती है, खासकर छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार इत्यादि के घने जंगल वाले क्षेत्रों में। इन घटनाओं में कई जवानों की मौत हो चुकी है। सरकार इन घटनाओं में कमी करने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी पूरी तरह से इसमें सफलता नहीं मिल पाई है।
ऐसे में खबरगांव आपको कुछ इस तरह की घटनाओं के बारे में बता रहा है जिसने पूरे देश को हिला के रख दिया था-
सुकमा, छत्तीसगढ़
24 अप्रैल 2017 में छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए एक हमले 25 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई। इसकी प्रतिक्रिया में 10 से 12 माओवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।
यह घटना तब हुई थी जब सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन की करीब 100 जवानों की एक टीम उस एरिया में बन रही एक रोड के निर्माण की सुरक्षा करने के लिए जा रही थी।
इसके अलावा साल 2010 में सुकमा में 6 अप्रैल को टाडमेला गांव के पास एक नक्सली हमले में 75 सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई। इसमें आज तक के कुछ सबसे बड़े नक्सली हमलों में से एक था। यह घटना राजधानी से 540 किलोमीटर दूर मकराना के जंगलों में हुई थी।
दरभा घाटी, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के ही दरभा घाटी में 5 मई 2013 को राजनेताओं को निशाना बनाया गया। नक्सलियों के एक समूह ने दरभा घाटी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के गाड़ियों के एक फ्लीट को निशाना बनाया। ये लोग चुनावी रैली के बाद लौट रहे थे। इस घटना में सलाव जुडूम की स्थापना करने वाले महेंद्र करमा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीसी शुक्ला, उदय मुदलियार, नंद कुमार पटेल और अन्य 18 पार्टी कार्यकर्ताओं को मार दिया गया था।
नारायणपुर, छत्तीसगढ़
29 जून 2010 को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सीआरपीएफ की 39वीं बटालियन के 26 जवानों को एक हमले में मार दिया गया। अधिकारियों का कहना था कि यह हमला नक्सलियों द्वारा की गई थी। यह घटना उस वक्त हुई जब सिपाही पेट्रोलिंग के बाद लौट रहे थे।
सिल्दा, पश्चिम बंगाल
15 फरवरी, 2010 को पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सिल्दा में एक नक्सली हमले में करीब 20 जवानों की मौत हो गई थी। नक्सलियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला करके गोलियां बरसानीं शुरू कर दीं। उस वक्त कई जवान इस बात से बिल्कुल अनजान थे और कुछ तो रसोई में खाना बना रहे थे।
गढ़चिरौली, महाराष्ट्र
8 अक्तूबर, 2009 को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक नक्सल हमले में 17 पुलिस जवानों की जान चली गई। छत्तीसगढ़ से लगे बॉर्डर एरिया में पुलिस के जवान रूटीन एक्सरसाइज में व्यस्त थे उसी वक्त यह हमला हुआ था।
वहीं साल 2019 में गढ़चिरौली में ही हुए एक लैंडमाइन ब्लास्ट में हमले में 15 पुलिसवालों की जान चली गई थी।
राजनंदगांव, छत्तीसगढ़
13 जुलाई 2009 को ही छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में एत नक्सली हमले में 30 पुलिसवालों की जान चली गई। इस साल नक्सली हमले में 200 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
चित्रकोंडा, ओडिशा
29 जून, 2008 में ओडिशा और तत्कालीन आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर आलमपाका में एक रिजरवायर में एक नाव पर नक्सलियों ने हमला कर दिया जिसमें 38 ग्रेहाउंड जवानों की मौत हो गई। ग्रेहाउंड जवान आंध्र प्रदेश में नक्सिलियों का सफाया कर रहे थे।
औरंगाबाद, बिहार
19 जुलाई, 2016 को बिहार के औरंगाबाद में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन पर एक हमला हुआ जिसमें 10 जवानों की मौत हो गई। यह ब्लास्ट बिहार के औरंगाबाद के जंगलों में किया गया था। इसके बाद सुरक्षाबलों और नक्सलियों में मुठभेड़ हुई जिसमें चार नक्सलियों की मौत हो गई।
कोरापुट, ओडिशा
2 फरवरी 2017 में ओडिशा के कोरापुट जिले के सुनकी में नक्सलियों द्वारा एक हमले में 7 पुलिस वालों की मौत हो गई। यह आईईडी ब्लास्ट था।
लातेहार, झारखंड
नवंबर 2019 में झारखंड के लातेहार में एक पीसीआर वैन पर नक्सली हमला हुआ जिसमें 4जवानों की मौत हो गई थी।