अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त को खत्म होगी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। अबकी बार अमरनाथ यात्रा के दौरान विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कुल 581 कंपनियों को तैनात किया जाएगा। हालांकि इस बार यात्रा 38 दिन तक ही चलेगी। पहली बार यात्रा मार्ग में जैमर लगाए जाएंगे। इनकी सुरक्षा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के पास होगी। यात्रा के दौरान विभिन्न मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों तक जाने वाली सड़कों को अस्थायी तौर पर बंद रखा जाएगा।

 

यात्रा मार्ग पर रोड ओपनिंग पार्टियां (ROP), त्वरित कार्रवाई दल (QAT), बम निरोधक दस्ता (BDS) और के9 यूनिटों (विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्ते) की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा ड्रोन से हवाई निगरानी भी की जाएगी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर किए जाएंगे।

 

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जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात ने सोमवार को बताया था कि सुरक्षा बलों को तीर्थयात्रा के मार्ग पर सुरक्षा पुख्ता करने को कहा है। पुलिस महानिदेशक ने निगरानी और खतरे का पता लगाने में उन्नत तकनीक के इस्तेमाल का निर्देश दिया है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि डीजीपी ने अधिकारियों को अमरनाथ यात्रा के मार्गों पर तोड़फोड़ विरोधी टीमों को तैनात करके संभावित खतरे को कम करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को उन्नत तकनीक और रियल टाइम निगरानी का इस्तेमाल करके चौकसी बढ़ाने व खतरे का पता लगाने का निर्देश दिया है।

कैसे होगी यात्रा मार्ग की निगरानी?

आरओपी टीमें: ये टीमें यातायात से पहले प्रमुख सड़कों की जांच करेंगी। उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगी।
त्वरित प्रतिक्रिया दल: किसी भी स्थित में यह दल तुरंत एक्शन लेगा। पूरे मार्ग में इसकी तैनाती की जाएगी।
बम निरोधक दस्ता: यात्रा मार्ग में बम निरोधक दस्ते की तैनाती होगी। यह सड़क और आसपास के इलाके की जांच करेगी। विस्फोटक आदि को निष्क्रिय करने की जिम्मेदारी। 
K9 यूनिट: इसमें सेना के प्रशिक्षित कुत्ते यात्रा मार्ग पर विस्फोटक का पता लगाएंगे।
आसमान से निगरानी: यात्रा मार्ग पर ड्रोन के माध्यम से रियल टाइम हवाई निगरानी भी की जाएगी। 

 

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सेना ने भी सुरक्षा समीक्षा की

उधर, श्रीनगर में दो जून को उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा समीक्षा की। उन्होंने चिनार कोर का भी दौरा किया। इसके अलावा घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति का आकलन किया और सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। उत्तरी कमान ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने अमरनाथ यात्रा से जुड़ी सुरक्षा समीक्षा की, ताकि इसे सुरक्षित और निर्बाध रूप से पूरा किया जा सके।