मौसम विभाग (IMD) ने जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी अगले 24 घंटे में तेज बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। भारी बारिश के चलते कई राज्यों में स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, बुधवार को नोएडा, गाजियाबाद, चंडीगढ़, शिमला और जम्मू-कश्मीर में सभी स्कूल बंद रहेंगे।

 

इस बीच, लगातार बढ़ती बारिश के बीच भारत ने पाकिस्तान को सतलुज नदी में बाढ़ आने की 'उच्च संभावना' को लेकर चेतावनी दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस्लामाबाद को मानवीय आधार पर यह अलर्ट भेजा है, जिससे संभावित आपदा से निपटा जा सके।

 

 

दिल्ली में यमुना नदी के जल स्तर ने तोड़ा रिकार्ड 

राजधानी दिल्ली में मंगलवार शाम यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर चला गया, जो इस मानसून का सबसे खतरनाक स्तर माना जा रहा है। स्थिति बिगड़ने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए निचले इलाकों से करीब 10,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

 

भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से नदी लगातार उफान पर है। अधिकारियों का कहना है कि हालात अभी और बिगड़ सकते हैं और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी इमरजेंसी इंतजाम किए जा रहे हैं।

 

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पंजाब में बाढ़ से हाहाकार, सेना और राहत दल तैनात

पंजाब और हरियाणा में लगातार हो रही तेज बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ नालों के उफान ने पंजाब को बुरी तरह बाढ़ की चपेट में ले लिया है। सबसे ज्यादा असर पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों में देखा जा रहा है। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ, पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। वहीं, हरियाणा में भी यमुना समेत कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज के गेट खोलने पड़े, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

 

राजस्थान के दौसा में बाढ़ जैसे हालात

राजस्थान के दौसा जिले में भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। कई नहरें उफान पर हैं और पानी घरों और सड़कों तक घुस आया है। जिले में 177 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले पांच दिनों तक राज्य में भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में पहले से जलभराव झेल रहे इलाकों में हालात और खराब हो सकते हैं और बाढ़ का खतरा और गहरा सकता है।

 

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चंडीगढ़ में स्कूल बंद

भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने बुधवार को सभी स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार से अब तक चंडीगढ़ में 140 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

गाजियाबाद में भारी बारिश का कहर, नर्सरी से 12वीं तक स्कूल बंद

गाजियाबाद में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बुधवार को सभी स्कूलों (नर्सरी से कक्षा 12 तक) को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी जिले में तेज बारिश होने की संभावना जताई है। प्रशासन ने पैरेंट्स और स्टूडेट्स को सलाह दी है कि वे मौसम विभाग की ताजा अपडेट पर नजर रखें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।

जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट, कई जिलों में रेड अलर्ट जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

 

जम्मू-कश्मीर के डोडा, किश्तवाड़, कठुआ, जम्मू, मीरपुर, पुंछ, राजौरी, रामबन, रियासी, उधमपुर और सांबा जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।

 

उत्तराखंड में देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर और चंपावत जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग का कहना है कि इन इलाकों में भारी बारिश हो सकती है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियां और गंभीर हो सकती हैं।

नोएडा में भारी बारिश का अलर्ट, 3 सितंबर को सभी स्कूल रहेंगे बंद

दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश का अलर्ट जारी होने के बाद गौतम बुद्ध नगर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर 3 सितंबर 2025 को जिले के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। जारी किया गया आदेश नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी छात्रों पर लागू होगा। इसमें परिषद के स्कूल, सरकारी संस्थान, सहायता प्राप्त स्कूल, सीबीएसई और आईसीएसई से जुड़े स्कूलों के साथ-साथ मदरसा बोर्ड के स्कूल भी शामिल किए गए हैं। भारी बारिश और जलभराव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। अधिकारियों ने अभिभावकों और छात्रों से अपील की है कि वे मौसम विभाग के अलर्ट और जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।