राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी अप्रवासियों के ऊपर अब कार्रवाई होने लगी है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर हो रहे हमले और अत्याचार के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय ने बांग्लादेश से अवैध रूप से आए प्रवासियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रहने के आरोप में दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने यह गिरफ्तारी हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र से की है।
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि 22 साल के अब्दुल अहद और 32 साल के मोहम्मद अजीजुल की गिरफ्तारी हुई है। रवि कुमार के मुताबिक, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में अब तक 916 लोगों का सत्यापन किया जा चुका है, जिनमें से छह बांग्लादेशियों सहित आठ अवैध अप्रवासियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है।
अवैध रूप से भारत में रहने के दोषी
डीसीपी रवि कुमार सिंह ने कहा, 'दोनों बांग्लादेशियो को अवैध रूप से भारत में ज्यादा समय तक रहने का दोषी पाया गया और। उन्हें निर्वासन कार्यवाही के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के समाने पेश किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे अप्रवासियों का सत्यापन करने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं।
काम की तलाश में भारत आया
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान मजदूरी करने वाले अब्दुल अहद ने इस बात को स्वीकार किया है कि वह काम की तलाश में बांग्लादेश के एक एजेंट की मदद से 6 दिसंबर को भारत में प्रवेश किया था। वह बांग्लादेश के सिलहट का रहने वाला है। वहीं, मोहम्मद अजीजुल ढाका का रहने वाला है। उसने खुलासा किया कि वह 2004 में पश्चिम बंगाल में पेट्रापोल-बेनापोल सीमा से भारत में घुस आया था और तब से यहीं रह रहा है।
एफआरआरओ को देनी होती है जानकारी
डीसीपी रवि ने कहा कि पुलिस टीमों ने जांच में पाया है कि मकान मालिकों को विदेशी अधिनियम, 1946 के अनिवार्य प्रावधानों के बारे में जानकारी नहीं है। विदेशी अधिनियम के तहत होटलों और मकान मालिकों को विदेशी किरायेदारों के बारे में उनके आगमन के 24 घंटे के भीतर एफआरआरओ को जानकारी देनी होती है।