प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के इस्लामिक उपदेशक मौलाना शम्शुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। एजेंसी अब हुदा के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू करेगी। मौलाना पर पाकिस्तानी संगठन सहित कट्टरपंथी संगठनों से संबंध होने के आरोप हैं। हुदा फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे हैं।

 

ईडी के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज यह केस उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (UP ATS) की एक एफआईआर पर आधारित है। ईडी के मुताबिक, शम्शुल खान को 1984 में उत्तर प्रदेश के एक सरकारी सहायता प्राप्त मदरसे में सहायक शिक्षक नियुक्त किया गया था।

 

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2013 में ली ब्रिटेन की नागरिकता

हालांकि, आरोप है कि मौलाना हुदा ने साल 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता हासिल कर ली, लेकिन इसके बावजूद 2013 से 2017 के बीच विदेश में रहते हुए भी वेतन लेता रहा, जबकि इस अवधि में वह न तो भारतीय नागरिक थे और न ही बच्चों को पढ़ा रहे थे। शम्शुल हुदा खान से इस मामले पर प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो सका है।

 

जांच में यह भी सामने आया है कि शम्शुल हुदा खान ने पिछले 20 सालों में कई देशों की यात्राएं कीं और सात से आठ भारतीय बैंक खातों के जरिए कथित तौर पर पैसों का लेनदेन किया। अधिकारियों के अनुसार, खान ने करीब 30 करोड़ रुपये कीमत की लगभग 12 अचल संपत्तियां भी कथित तौर पर अर्जित की हैं। उस पर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने और धार्मिक शिक्षा की आड़ में अवैध वित्तपोषण संबंधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

 

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हुदा पर कई गंभीर आरोप

ईडी अधिकारियों ने बताया कि शम्शुल हुदा खान मूल रूप से यूपी के आजमगढ़ जिले का रहने वाला है। खान ने अपने NGO ‘राजा फाउंडेशन’ और प्राइवेट बैंक खातों के जरिए कथित तौर पर अलग-अलग मदरसों को पैसे पहुंचाए। उस पर आजमगढ़ और संत कबीर नगर में दो मदरसे स्थापित करने का भी आरोप है, जिनके पंजीकरण बाद में रद्द कर दिए गए।

पाकिस्तान से कैसे निकला लिंक?

अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटेन स्थित कट्टरपंथी संगठनों से उसके संबंधों की जांच की जा रही है। इसके अलावा, शम्शुल खान के पाकिस्तान दौरे की भी जानकारी सामने आई है और अधिकारियों का आरोप है कि वह पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन ‘दावत-ए-इस्लामी’ का सदस्य है। ईडी ने बताया कि जांच के तहत आरोपी के वित्तपोषण नेटवर्क, विदेशी संपर्कों और संपत्तियों की विस्तृत छानबीन की जा रही है।