उत्तराखंड के माणा गांव में हुए हादसे में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई है। 5 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश में रेस्क्यू टीमें जुटी हैं। शुक्रवार को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के 55 मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आ गए। सेना, ITBP और NDRF-SDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।
खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन और मुश्किल होता जा रहा है। सेना ने कहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में 6 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। शुक्रवार सुबह 5.30 से 6 बजे के बीच माणा और बद्रीनाथ के पास BRO कैंप के पास ही ग्लेशियर टूटा और हादसा हो गया।
4 की मौत, 5 लापता
हिमस्खलन में 8 कंटेनर और शेड के अंदर 55 श्रमिक दब गए। 50 मजदूरों को समय से बाहर निकाल लिया गया लेकिन 4 मजदूरों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों का इलाज जारी है। सेना के कई दिगग्ज अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं।
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जगह-जगह सड़कों पर बर्फ, रेस्क्यू कठिन
उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश की वजह से सड़क के रास्ते रेस्क्यू में मुश्किलें आ रही हैं। राहों में बर्फ पड़ी है। बद्रीनाथ-जोशीमठ नेशनल हाइवे पर 15 से 30 जगहों पर रोड ब्लॉक है। BRO कैंप में कुल 8 कंटेनर थे, जिनमें से 5 का पता चल गया है। 3 अभी लापता हैं। जिन मजदूरों को बचाया गया है, वे अलग-अलग 5 कंटेनर में थे।
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क्यों रेस्क्यू में आ रही हैं मुश्किलें?
बचाव दल की सबसे बड़ी चुनौती, जल्दी से जल्दी सबको बाहर निकालने की है। माइनस 17 डिग्री से कम तापमान वाली जगहों पर मजदूर 24 घंटे से फंसे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के में 6 हेलीकॉप्टर तैनात हैं।