जम्मू और कश्मीर के शोपियां में आतंकियों के खिलाफ लॉन्च 'ऑपरेशन केलर' में तीनों मारे गए आतंकवादियो के पास से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। आसपास के इलाकों से भी घातक हथियार मिले हैं। आतंकियों के पास एके-47 से लेकर ऑटोमैटेड जैसे खतरनाक हथियार मिले हैं। आतंकी अपने साथ ग्रेनेड और कई दर्जन मैगजीन लेकर आए थे। मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे, जिनकी पहचान भी अब सार्वजनिक हो गई है।
मंगलवार को मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं। सुरक्षाबलों के ऐक्शन में उनका चेहरों के चीथड़े उड़ गए थे। सेना का ऑपरेशन केल्लर सफल रहा लेकिन अभी इस इलाके में और आतंकियों की तलाश की जा रही है। उनके पास राइफल, हथियार, बैग, पर्स, पैसे और फोन बरामद हुए हैं।
आतंकियों के पास से क्या-क्या मिला?
3 से ज्यादा राइफल, 11 से ज्यादा मैगजीन, कई ग्रेनेड, पर्स और फोन बरामद हुए हैं। आतंकी अपने साथ खाने-पीने के सामान भी लेकर आए थे। उनके पास से दर्जनों हथियार मिले हैं, सैकड़ों गोलियां बरामद की गई हैं।
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ऑपरेशन केलर नाम क्यों पड़ा?
सेना, शोपियां जिले के शोकल केलर गांव में सर्च ऑपरेशन चला रही है। यह गांव शोपियां जिले के केरल ब्लॉक में आता है। यहां आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। पूरे इलाके में घने जंगल हैं, जहां आतंकियों को छिपने में आसानी होती है। इस इलाके में आतंकी अपना नेटवर्क ऑपरेट करते हैं। सुखरू फॉरेस्ट में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए ही सेना ने ऑपरेशन केलर लॉन्च किया है।

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कौन हैं लश्कर के ढेर हुए आतंकी?
शाहिद कुट्टे शोपियां के हीरापोरा इलाके का रहने वाला था। उसके पिता का नाम मोहम्मद युसुफ कुट्टे है। दो पर्यटकों पर दानिश रिसॉर्ट के बाहर गोली मारने का आरोप है। एक टेरिटोरियल आर्मी के जवान की हत्या का भी आरोप है। अदनान शाफी भी शोपियां के वाची इलाके में एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर चुका है। वह एक साल पहले ही लश्कर में शामिल हुआ था।