जोहरान ममदानी अमेरिका के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क के नए मेयर बन गए हैंउनको चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैंजोहरान भारतीय मूल के हैं और यहां के मेयर बनने वाले वह पहले साउथ एशियाई और मुस्लिम व्यक्ति हैंइस चुनाव के बाद भारत और न्यूयॉर्क के मेयर में तुलना होना स्वाभाविक हैजब हम देश के मेयर के की बात करते हैं तो दिमाग में आता है कि उसके पास पावर की कमी नहीं होगीअमेरिका और भारत के मेयर के पावर में बहुत अंतर हैआइए जानते हैं दोनों के पावर में क्या-क्या अंतर होता है?

 

आमतौर पर देश में महानगर कहे जाने वाले शहरों का शीर्ष निर्वाचित प्रतिनिधि मेयर होता हैभारत का सबसे बड़ा और ज्यादा बजट वाला म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन मुंबई का जिसे लोग BMC के नाम से जानते हैंजानते हैं दोनों जगहों के मेयर में अंतर--

 

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BMC मेयर की शक्तियां

  • मेयर मुंबई शहर का पहला नागरिक होता हैमेयर नगर निगम की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं
  • किसी बैठक में किसी प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष में वोटों की संख्या बराबर हो जाती है तो मेयर के पास निर्णायक वोट देने की शक्ति होती है
  • BMC के मेयर के पास वास्तविक प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां नहीं होती हैंये शक्तियां राज्य सरकार की ओर से नियुक्त नगर आयुक्त में निहित होती हैंयह एक IAS अधिकारी होता है
  • मेयर का काम मुख्य रूप से पॉलिसी बनाना और निगरानी करना होता है जबकि योजनाओं को लागू करना और रोज का प्रशासन नगर आयुक्त के अधीन होता है
  • निगम के बजट या प्रशासन पर सीधा कंट्रोल कमिश्नर के पास होता हैकि मेयर के पास

न्यूयॉर्क मेयर की शक्तियां

अमेरिका के संविधान में शहरों को होम रूल का अधिकार मिलता हैराज्य सरकार शहरों को काफी स्वायत्तता देते हैं। इनके पावर--

  • न्यूयॉर्क सिटी का सालाना बजट 100 अरब डॉलर से ज्यादा का होता है। भारत के कई राज्यों से बड़ा।
  • मेयर पुलिस कमिश्नर नियुक्त करता है और नीतियां तय करता है।
  • यहां पर 1.1 मिलियन से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। मेयर बोर्ड ऑफ एजुकेशन को लीड करता है।
  • मेट्रो, सड़कें, पार्क आदि सब मेयर के दायरे में।

 

अमेरिका के भी कई शहरों जैसे पोर्टलैंड, शार्लोट, फीनिक्स में वीक मेयर सिस्टम लागू हैइन शहरों में शक्तियां सीमित होती हैं और कई कार्यकारी जिम्मेदारियां सिटी काउंसिल के साथ शेयर करते हैं

 

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भारत में सुधार की मांग

भारत के महानगरों में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए मेयर पद को अधिक कार्यकारी अधिकार देने की मांग उठते रहती हैइसके लिए राज्यों को अपनी मौजूदा व्यवस्था में नीतिगत सुधार करने होंगेअभी तक भारत में मेयर का कार्यकाल आम तौर पर 1 से 5 वर्षों के बीच तक रहता है जबकि अमेरिका में मेयर कई बार चुनकर लंबे समय तक शहर का नेतृत्व करते हैं