पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान के आतंकवादियों के नाम सामने आने के बाद भारत ने पड़ोसी देश को लेकर सख्त रुख अपनाया है। आतंकी हमले के एक दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक हुई। इस बैठक में मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। इसी सिलसिले में भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को रद्द करने की घोषणा की है, जिसके तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

 

इसके अलावा भारत ने सिंधु जल समझौते को रोक दिया है, अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए ऐसे किसी भी वीजा को रद्द माना जाएगा। 

 

सार्क वीजा योजना क्या है?

 

बता दें कि सार्क वीजा स्कीम को दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय सहयोगियों में आपसी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए बनाया गया था। इस योजना को साल 1992 में लागू किया गया था। सार्क वीजा स्कीम में चुनिंदा लोगों के लिए वीजा जारी किया जाता है। लाभ पाने वालों में हाई कोर्ट के जज, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी, बिजनेसमैन, पत्रकार और खिलाड़ियों के लिए बिना वीजा के यात्रा करने की सुविधा दी गई थी।

 

1992 में शुरू हुई थी योजना

 

दक्षिण एशियाई देशों के प्रतिष्ठित नागरिकों के बीच बेहतर सहयोग को सक्षम बनाने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए 1992 में सार्क वीजा छूट योजना शुरू की गई थी। सार्क देशों ने फैसला किया था कि क्षेत्र के भीतर यात्रा करने के लिए वीजा के बजाय कुछ श्रेणियों के गणमान्य व्यक्तियों को एक विशेष यात्रा दस्तावेज जारी किया जाना चाहिए, जिससे आवाजाही सुगम बने। 

 

योजना का लाभ पाने वालों में 24 श्रेणियां हैं जो एसवीईएस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ दक्षिण एशियाई देश- अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के नागरिक पाते रहे हैं। लेकिन अब पाकिस्तान के लोग भारत नहीं आ सकेंगे।

 

पहलगाम हमले के बाद भारत ने उठाए कड़े कदम

 

पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को रद्द करने के अलावा, भारत ने पाकिस्तान के साथ सैन्य-कूटनीतिक संबंध भी खत्म कर दिए हैं। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित करने के साथ में उन्हें एक हफ्ते के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है। भारत इस्लामाबाद से अपने सैन्य सलाहकारों को भी वापस बुला लिया है।

 

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है। भारत ने ये घोषणा करते हुए कहा कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपना समर्थन देना नहीं छोड़ता।