कुछ दिन पहले जब पीएम मोदी ने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुई बिम्सटेक की मीटिंग में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की तो लोगों को लगा कि सब कुछ धीरे-धीरे नॉर्मल हो रहा है। लेकिन ऐसा नहीं था। अब भारत ने बांग्लादेश के लिए ट्रांस-शिपमेंट की सुविधा को खत्म कर दिया है।

 

यह एक तरह की माल को दूसरे देशों में ट्रांसफर करने की सुविधा होती है जिसके लिए बांग्लादेश अभी तक भारत की भूमि का उपयोग करता रहा है। इससे उसकी एक्सपोर्ट करने की लागत कम होती थी, लेकिन अब यह सुविधा खत्म होने से उसकी निर्यात की लागत बढ़ जाएगी।

 

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निर्यातकों को होगा फायदा

मुख्य रूप से कपड़ा उद्योग क्षेत्र के भारतीय निर्यातकों ने सरकार से पड़ोसी देश के लिए इस सुविधा को वापस लेने का अनुरोध किया था। इसका उपयोग करके बांग्लादेश भूटान, नेपाल और म्यांमार को कपड़ा सप्लाई करता था।

 

इस सुविधा ने भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों में बांग्लादेश के निर्यात के लिए सुचारू व्यापार प्रवाह को सक्षम किया। यह सुविधा भारत द्वारा जून 2020 में बांग्लादेश को प्रदान की गई थी।

 

टैरिफ वॉर जारी है

सर्कुलर के मुताबिक जो कार्गो भारत की भूमि में प्रवेश कर चुके हैं उन्हें वापस जाने की अनुमति दी जाएगी। 8 अप्रैल को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के सर्कुलर में कहा गया है कि भारत में पहले से प्रवेश कर चुके कार्गो को उस परिपत्र में दी गई प्रक्रिया के अनुसार भारतीय क्षेत्र से बाहर जाने की अनुमति दी जा सकती है।

 

यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब अमेरिका ने भारत और बांग्लादेश सहित कई देशों पर काफी टैरिफ लगाए हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस फैसले से भारत के निर्यातकों को मदद मिलेगी। कपड़ा के क्षेत्र में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा कॉम्पटीटर है।

 

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नॉर्थ ईस्ट को लेकर किया था कमेंट

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने कुछ दिन पहले चीन के दौरे पर भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्यों को लैंडलॉक़्ड कहा था, उसी के बाद से दोनों देशों में डिप्लोमेटिक तनाव बढ़ गए थे। यूनुस ने कहा था कि भारत के नॉर्थ ईस्ट के पास समुद्र तक पहुंचने का रास्ता नहीं है, बांग्लादेश उस क्षेत्र का इकलौता गार्डियन है।

 

भारत ने हमेशा बांग्लादेश के हितों का समर्थन किया है, क्योंकि इसने पिछले दो दशकों से बांग्लादेशी वस्तुओं (शराब और सिगरेट को छोड़कर सभी) को विशाल भारतीय बाजार में एकतरफा जीरो टैरिफ का ऐक्सेस दिया है।

 

हालांकि, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा उस देश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर हमलों को रोकने में विफल रहने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में नाटकीय रूप से गिरावट आई है।

 

भारत-बांग्लादेश व्यापार 2023-24 में 12.9 बिलियन डॉलर का रहा था।