जहां भारत में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने को लेकर यूएसएड का मुद्दा एक तरफ गरमाया हुआ है, वहीं उपराष्ट्रपति ने भारत में रह रहे अवैध अप्रवासियों को लेकर एक नया बयान दे दिया है।
उन्होंने कहा है कि अवैध अप्रवासी चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं और इस मुद्दे पर लोगों के जागरुक होने की बात पर बल दिया।
डॉ बाबा साहेब आंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी कॉन्वोकेशन में बोलते हुए शनिवार को उन्होंने कहा कि आखिर भारत अवैध अप्रवासियों को कब डिपोर्ट करना शुरू करेगा जिस तरह से अमेरिका कर रहा है।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस MLAs के लिए में विधानसभा में पहुंचा टिफिन, जानें मेन्यू कार्ड
चुनावी प्रक्रिया पर डाल रहे असर
धनखड़ ने कहा, 'करोड़ों लोग जिनको यहां रहने का अधिकार नहीं है वे यहां पर रह रहे हैं...वे यहां पर आजीविका कमा रहे हैं। वे हमारे संसाधनों पर जी रहे हैं. बात शिक्षा, स्वास्थ्य और हाउसिंग से आगे निकल गई है वे अब हमारी चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित कर रहे हैं।'
उन्होंने लोगों से गुजारिश की कि ऐसा माहौल पैदा करने की जरूरत है जिससे हर भारतीय इस बात को लेकर जागरुक हो सके।
बिना अमेरिका का नाम लिए तमाम भारतीयों को हाल ही में डिपोर्ट किए जाने की बात कहते हए उन्होंने कहा, 'हर भारतीय के मन में यह सवाल आना चाहिए- हम कब ऐसा करना शुरू करेंगे?'
उन्होंने कहा कि युवाओं को पावरफुल प्रेशर ग्रुप के रूप में काम करना चाहिए और जन प्रतिनिधियों और सरकार से उनको लेकर सवाल करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच बसें बंद, भाषा को लेकर विवाद, क्या है मामला?
धर्म परिवर्तन का भी मुद्दा उठाया
धनखड़ ने धर्म परिवर्तन को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, 'हर व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म फॉलो करने का अधिकार है लेकिन धोखा देकर धर्म परिवर्तन करने की कोशिश की जा रही है। जनसांख्यिकी में इस तरह का परिवर्तन देश के स्थायित्व के लिए खतरा है।'
कैसे होगा विकास
भारत में USAID के जरिए वोटर टर्नआउट बढ़ाने को लेकर आ रही खबरों पर चिंता जाहिर की और उन्होंने इसकी बारीकी से जांच करने की बात कही।
भारत के विकास की भी बात उन्होंने की। उन्होंने कहा, 'भारत के विकास की गति को बनाए रखने के लिए हमें आशावादी होना होगा। हमें अपने प्रति व्यक्ति आय को आठ गुना बढ़ाना होगा और इसलिए हम सभी को तेजी से आगे बढ़ना होगा।'
यह भी पढ़ें: कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच बसें बंद, भाषा को लेकर विवाद, क्या है मामला?