पुलिस हिरासत में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में पंजाब सरकार ने डीएसपी को बर्खास्त करने का फैसला किया है। पंजाब सरकार ने सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा सरकार को इस बात की सूचना दी।
सरकार की तरफ से महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ के सामने तर्क दिया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुलिस उपाधीक्षक गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने का फैसला किया है।
कोर्ट मार्च 2023 में हुए लॉरेन्स बिश्नोई के दो इंटरव्यू के मामले में सुनवाई कर रहा था। हाईकोर्ट ने इससे पहले मामले की जाच करने के लिए अक्टूबर में स्पेशल डीजी, पुलिस की अगुवाई में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया था।
रिपोर्ट का दिया हवाला
एजी ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें मोहाली के खरड़ में अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) के परिसर में बिश्नोई के इंटरव्यू की व्यवस्था किए जाने में कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत होने की बात सामने आई।
पंजाब सरकार ने कहा था कि अखिल भारतीय सेवा नियम के नियम 10 के तहत सीनियर अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की शुरुआत की गई है। एजी ने कहा कि जांच अधिकारियों के नाम सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपे जाएंगे।
कौन हैं गुरशेर सिंह संधू
गुरशेर सिंह संधू पंजाब पुलिस सेवा के 2016 बैच के अधिकारी हैं। पंजाब पुलिस ज्वाइन करने से पहले वह बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट थे।
संधू आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से हैं और जालंधर में इनके कई पेट्रोल पंप हैं। साल 2017 में प्रोबेशन के दौरान उन्होंने मुल्लनपुर में एसएचओ के रूप में अपने नौकरी की शुरुआत की।
प्रोबेशन के बाद उन्हें डीएसपी के रूप में पहली पोस्टिंग फतेहगढ़ साहिब के अमलोह में दी गई। इसके बाद वह डीएसपी (सिटी-1) मोहाली, डीएसपी (इन्वेस्टिगेशन) मोहाली और डीएसपी (स्पेशल सेल) मोहाली के रूप में भी तैनात किए गए।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर
संधू एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर थे। मोहाली में उनका कार्यकाल काफी विवादों से भरा हुआ था। साल 2024 में अगस्त में मोहाली की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरसिमरनजीत सिंह ने पंजाब के डीजीपी को एक पत्र लिखकर कहा कि कथित रूप से दो अप्रवासी फ्रॉड मामले में गुरशेर द्वारा सही से इन्वेस्टिगेशन न करने के मामले की जांच की जाए।
वहीं अक्टूबर में उनके ऊपर बिल्डर बलजिंदर सिंह की शिकायत के बाद एक जालसाजी का भी केस किया गया।