गुजरात से हजारों करोड़ की ड्रग्स जब्त किए जाने के महीनों बाद, भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मकसद पाकिस्तान में मौजूद इंटरनेशनल ड्रग माफिया हाजी सलीम के ड्रग कार्टेल को खत्म करना है। हाजी सलीम का ड्रग्स की दुनिया में इतना रसूख है कि इसे 'लॉर्ड ऑफ ड्रग्स' के नाम से भी जाना जाता है। हाजी सलीम अब NCB के रडार पर है और इसको देखते हुए 'ऑपरेशन सागर मंथन' शुरू किया जा चुका है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह उच्च स्तरीय अभियान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर शुरू किया गया है। हाल ही में गुजरात तट से 700 किलोग्राम अवैध ड्रग्स की जब्ती इसी अभियान का हिस्सा थी। इस सिलसिले में कई पाकिस्तानी और ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था।
कौन है हाजी सलीम?
हाजी सलीम का नाम पहली बार 2015 में तब सामने आया था, जब केरल के पास समुद्र में करोड़ों रुपये के कीमत की उसकी ड्रग्स की एक खेप पकड़ी गई थी। बताया जाता है कि ड्रग माफिया पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रहता है और पाकिस्तान, भारत, मॉरीशस, श्रीलंका और मालदीव से लेकर अमेरिका तक ड्रग सिंडिकेट चलाता है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के अनुसार, हाजी सलीम को केवल भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियां भी तलाश कर रही हैं।
दाऊद इब्राहिम से है करीबी संबंध
दुनिया के सबसे बड़े तस्करों में से एक सलीम एशिया, अफ्रीका और पश्चिम में हेरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीले पदार्थों की बड़ी खेप सप्लाई करता है। जांच एजेंसियों के पास उसके बारे में बहुत कम जानकारी है जिसके कारण उसे पकड़ना बेहद मुश्किल है। हालांकि, रिपोर्ट्स संकेत देती हैं कि हाजी सलीम के वांछित कुख्यात अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से करीबी संबंध हैं। सलीम को दाऊद इब्राहिम का पड़ोसी बताया जाता है और एक बार उसे दाऊद के घर में घुसते हुए कैमरे में कैद भी किया गया था।
ड्रग्स की दुनिया में 'रक्तबीज' के नाम से मशहूर
हालांकि, NCB ने कई जब्ती और गिरफ्तारियां करने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन अब तक हाजी सलीम का साम्राज्य फल-फूल रहा है, जिसकी वजह से उसे ड्रग्स की दुनिया में 'रक्तबीज' के नाम से जाना जाता है। हाजी सलीम का काम करने का तरीका ही उसे सबसे अलग बनाता है। वह समुद्र के रास्ते नशीले पदार्थों की तस्करी करता है। उसके शिपमेंट पर पहचान चिह्न के तौर पर 777, 555, 999, उड़ने वाले घोड़े या बिच्छू जैसे चिह्न बने होते हैं।
ड्रग सप्लाई के लिए करता है बेरोजगार युवाओं का इस्तेमाल
उसका माल अक्सर ईरान से आता है और श्रीलंका पहुंचने से पहले अफगानिस्तान और मलेशिया से होकर गुजरता है। फिर इन्हें छोटे जहाजों में भरकर भारतीय तट पर ले जाया जाता है और ज्यादातर रात में समुद्र तट स्थानों पर उतारा जाता है। सलीम के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह अपने व्यापार के लिए बलूचिस्तान से बेरोजगार युवाओं की भर्ती करता है और उसके ISI से भी करीबी संबंध हैं।