प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में गुजरात से महेश लांगा को गिरफ्तार किया है। महेश लांगा पेशे से पत्रकार हैं और 'द हिंदू' अखबार से जुड़े हैं। मंगलवार को ED ने लांगा को PMLA कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 28 फरवरी तक हिरासत में भेज दिया गया।

क्या है पूरा मामला?

महेश लांगा के खिलाफ अहमदाबाद पुलिस ने धोखाधड़ी की FIR दर्ज की थी। इसके साथ ही उन पर एक और FIR दर्ज की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लांगा के खिलाफ धोखाधड़ी के जरिए लोगों को लाखों रुपयों का नुकसान पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। 


ED ने बयान जारी कर बताया, 'जांच में पता चला है कि महेश लांगा कई वित्तीय लेन-देन में शामिल थे। उन्होंने कई लोगों से जबरन वसूली की और मीडिया के प्रभाव का इस्तेमाल किया था।'

 

यह भी पढ़ें-- सिख दंगाः '80 साल के हैं इसलिए फांसी नहीं', सज्जन कुमार को उम्रकैद

इस घोटाले में भी शामिल!

जांच एजेंसी ED ने बताया कि पत्रकार महेश लांगा 'GST इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले' में भी शामिल है। इसकी जांच भी ED कर रही है। ED ने बताया कि महेश लांगा ने धोखाधड़ी और GST इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले में शामिल वित्तीय लेनदेन को छिपाने और हेरफेर करने की कोशिश की है। हालांकि, उनके वकील ने इन आरोपों को खारिज किया है। इस मामले में उन्हें पहले गुजरात पुलिस भी गिरफ्तार कर चुकी है।

 

कौन हैं महेश लांगा?

महेश लांगा अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' के रिपोर्टर हैं। उन्होंने कथित रूप से अपने पद का दुरुपयोग कर ब्लैकमेलिंग की और लाखों रुपये कमाए। उनका नाम सरकारी दस्तावेजों के लीक होने के मामले में भी सामने आया है, जिसकी FIR गांधीनगर में दर्ज की गई है।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने महेश लांगा के घर से तलाशी के दौरान 20 लाख रुपये कैश, गहने और संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए थे। जबकि, उनकी सालाना सैलरी 9 लाख रुपये के आसपास है। बताया जाता है कि महेश और उनकी पत्नी अक्सर महंगे होटलों में ठहरते थे।