राहुल गांधी रविवार को दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में फैमिली के साथ लंच के लिए गए। सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की जिसमें उन्होंने लिखा कि अगर आप यहां जाते हैं तो छोले भटूरे जरूर खाएं।

 

उनके साथ उनकी मां सोनिया गांधी, बहन और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी, बहनोई रॉबर्ट वाड्रा और परिवार के अन्य लोग भी मौजूद थे। 

 

तब से लेकर अब तक दिल्ली के छोले भटूरों के बारे में चर्चा शुरू हो गई है। जिस रेस्टोरेंट में राहुल गांधी गए थे उस रेस्टोरेंट के बारे में भी चर्चाएं हो रही हैं।

 

लेकिन इससे इतर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि जब भी छोले भटूरे की चर्चा होती है तो ऐसा नहीं हो सकता कि दिल्ली के छोले भटूरों की चर्चा न हो। वैसे तो छोले भटूरे पूरे भारत में मिलते हैं और चाव से लोग उन्हें खाते भी हैं, लेकिन दिल्ली के छोले भटूरों की बात ही अलग है।

 

तो इस लेख में खबरगांव आपको बताएगा कि आखिर दिल्ली के छोले भटूरों की खासियत क्या है?

क्या है छोले भटूरे का इतिहास

छोले भटूरों के इतिहास के बारे में कई कहानियां मशहूर हैं, लेकिन जो सबसे ज्यादा मान्य है उसके मुताबिक इसकी जड़ें मध्य पूर्व में हैं, जहां पर चना मसाला नाम का एक इसी तरह का व्यंजन मशहूर हुआ करता था।

 

प्राचीन काल में व्यापार के लिए मध्य पूर्व से व्यापारी भारत आते थे और धीरे-धीरे वही चना मसाला यहां कुछ बदले हुए रूप रंग के साथ छोले भटूरे के रूप में प्रसिद्ध हो गया।

 

कुछ लोगों का मानना है कि छोले भटूरे को भारत में मुगलों द्वारा भारत में लाया गया, तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि 1947 में भारत के बंटवारे के बाद पेशेरी लाल लांबा नाम के एक शख्स दिल्ली आए और उन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस में क्वॉलिटी रेस्टोरेंट स्थापित किया। यह वही क्वॉलिटी रेस्टोरेंट है जिसमें राहुल गांधी खाने के लिए गए थे।

दिल्ली के छोले भटूरे में क्या है खास

दिल्ली के छोले भटूरे बाकी जगहों से खास हैं क्योंकि यहां पर भटूरों के साथ खाए जाने वाले छोले सिर्फ एक तरह से नहीं बनाए जाते बल्कि कई तरह के मसालों का प्रयोग करके बनाए जाते हैं।

 

खासकर दिल्ली के कुछ घरों में अभी भी 100 साल पुरानी रेसिपी वाले छोले बनाए जाते हैं। इसी तरह से यहां के रेस्टोरेंट पर भी उसका प्रभाव दिखता है। इसके अलावा दिल्ली के पिंडी छोले काफी पसंद किए जाते हैं।

 

एक फूड एक्सपर्ट के मुताबिक दिल्ली में छोलों के साथ अलग अलग तरह के एक्सपेरिमेंट किए जाते हैं। कुछ रेस्टोरेंट में आपको दही डाल के तो कुछ जगहों पर अनारदाना वगैरह डाल के छोले बनाए जाते हैं। 

 

इसके साथ ही छोले भटूरों के साथ तीखी लंबी मिर्च और लस्सी का बड़ा गिलास इसे और भी खास बना देता है।

दिल्ली में छोले भटूरों के लिए खास रेस्टोरेंट

1.सीताराम दीवान चंद- दिल्ली में पहाड़गंज के चूना मंडी में स्थित सीताराम दीवान चंद की दुकान के छोले भटूरे काफी स्पेशल हैं।

 

2. चाचे दी हट्टी- कमला नगर में ऑल स्माइल डेंटल क्लिनिक के पास।

 

3.प्रेम दी हट्टी- यहां के छोले भटूरे हाइवे वाले ढाबे की याद दिलाते हैं। राजौरी गार्डेन के सिटी स्क्वॉयर मॉल में स्थित यह काफी खास है।

 

4.  नागपाल कॉर्नर- लाजपत नगर के अमर कॉलोनी के गुप्ता मार्केट में स्थित है।

 

5.शर्मा जी छोले भटूरे वाले- यह नई दिल्ली के शाहदरा के छोटा बाजार में स्थित है। यह पूर्वी दिल्ली के सबसे पुरानी छोले भटूरे की दुकानों में से एक है।