दिल्ली में करीब एक दशक बाद, दीपावली के बाद इतनी साफ हवा नजर आई है। साल 2015 के बाद 2024 की ही दीपावली ऐसी ही रही, जिसमें एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत खराब से गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचा। दिल्ली में बहुत खराब से थोड़ी कम खराब हवा का क्रेडिट किसे मिलना चाहिए? दिल्ली सरकार, ग्रैप प्लान या पटाखों पर पाबंदी को? इसका जवाब जानने के लिए पहले आंकड़े समझिए।
दिल्ली में दीपावली पर जमकर हुई आतिशबाजी, हरियाणा और पंजाब में पराली के जलने की वजह से भी हवा खराब हुई। दिल्ली में दीपावली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े डरावने हो जाते हैं। इस बार भी दिल्ली का AQI बहुत खराब स्तर पर रहा लेकिन यह 'गंभीर' स्थिति में पहुंचते-पहुंचते रह गया। ये राहत की खबर है।
दिल्ली में 24 घंटे का कुल एयर क्वालिटी इंडेक्स गुरुवार को 328 था, जो देर शाम तक 338 तक पहुंच गया था। शुक्रवार को सुबह 9 बजे बजे तक AQI 362 तक पहुंच गया। दिल्ली में तेज हवाओं की वजह से धुंध छटा और शुक्रवार शाम 4 बजे तक यह गिरकर 339 तक आ गया। शाम 7 बजे तक यह आंकड़ा 323 पर आ गया।
कौन चुरा ले गया दिल्ली की साफ हवा का क्रेडिट?
अगर इसका जवाब, मौसम विभाग से पूछें तो जवाब कुछ और है। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि दिल्ली की साफ हवा, मौसम की वजह हुई है। दिल्ली में तेज हवाओं के चलने की वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहतर हुआ है। दिल्ली में हवा करीब 16 किलोमीटर प्रति घंटे चली है। इसकी वजह से दिल्ली की हवा साफ नजर आ रही है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि साफ हवा का क्रेडिट प्रतिबंध कम, 'हवा' ज्यादा ले गई।
कैसे थोड़ी बेहतर हुई दिल्ली की हवा?
मौसम की भविष्यवाणी करने वाली संस्था महेश पालावत ने इसका संबंध तापमान और प्रदूषण से जोड़कर बताया है। उन्होंने कहा है, 'जब मौसम में गर्मी होती है, तब हवा में जो प्रदूषक मौजूद होते हैं, उनके कण स्वतंत्र रूप से घूमते हैं। कम तापमान उन्हें नीचे की ओर लेकर घुमाता है, यह प्रदूषकों को नीचे लेकर आता है और सतह पर स्थिर करता है। सर्दी के मौसम में प्रदूषक नीचे ही रहते हैं, जो 200 से 300 मीटर के दायरे में फैले रहते हैं। गुरुवार को मिक्सिंग हाइट 2100 मीटर तक रहती है।'
प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कौन है?
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) में रिसर्च एंड एडवोकेसी की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में कहा, 'दीपावली पर AQI खराब श्रेणी में थी। आधी रात को यह स्थिति गंभीर स्तर पर पहुंची। अगले दिन दोपहर तक स्थितियां ठीक हो गईं और AQI मध्यम स्तर पर आ गया। इसकी वजह हवा की गति, प्राकृतिक वेंटिलेशन के साथ-साथ गर्म मौसम भी रहा। अभी सर्दी पूरी तरह से आई नहीं है। अक्टूबर के महीने में बीते कुछ वर्षों की तुलना में ज्यादा खराब और बहुत खराब AQI रहा है। पराली जलाने की वजह से प्रदूषण 1 से 3 प्रतिशत तक बढ़ता है, स्थानीय और क्षेत्रीय प्रदूषण ज्यादा प्रभावी होते हैं।'
PM2.5 का बढ़ता स्तर है खतरनाक
गुरुवार को दिल्ली वालों ने जमकर पटाखे फोड़े। पराली की वजह से भी पीएम2.5 लेवल बढ़ा। दीपावली के दिन यह 27.61 प्रतिशत तक पहुंच गया। शुक्रवार की सुबह धुंध की स्थिति रही लेकिन हवाओं और कड़ी धूप की वजह से स्थिति में सुधार हुआ। दीपावली की रात में 12 से 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। शुक्रवार को फिर तेज हवा चली। वेंटिलेशन की वजह से प्रदूषक हटे। साल 2015 के बाद से यह पहली दीपावली है जो इतनी साफ है। चिंता की बात ये है कि PM2.5 का स्तर प्रति घंटे बढ़ रहा है। यह तय सीमाओं से 30 गुना ज्यादा है।
अगर दिल्ली में बारिश हो जाए तो स्थितियां सामान्य हो जाएं। 2024 की दीपावली के बाद का AQI 2015 के बाद से दूसरा सबसे साफ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में PM2.5 के स्तर में प्रति घंटे की बढ़ोतरी चिंताजनक है। दिल्ली मौसम विभाग (IMD) की प्रवक्ता डॉ. सोमा सेन रॉय की मानें तो दिल्ली में अगले सप्ताह तक भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा। अभी बारिश की उम्मीद भी बेमानी है।