उदयपुर राजघराने के मुखिया रहे महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद, इस परिवार की हिंसक कलह, पहली बार सामने आई है। जैसे पुराने जमाने में जंग लड़ी जाती थी, कुछ उसी तरह लोग एक-दूसरे से उलझ पड़े। उदयपुर का पूर्व राजघराना एक बार फिर लोगों के निशाने पर हैं। सोमवार को सिटी पैलेस में जो हुआ है, वैसा आजादी के बाद कभी नहीं हुआ था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक विश्वराज सिंह, महेंद्र सिंह के निधन के बाद राजघराने के मुखिया बनाए गए। उनकी ताजपोशी के बाद बवाल भड़क गया। वे भगवान एकलिंग के दर्शन के लिए राजमहल में जा रहे थे, उन्हें महल में ही घुसने नहीं दिया गया। यह बात इतनी बढ़ी कि ईंट-पत्थर चल पड़े।
महाराणा प्रताप के वंशजों की इस लड़ाई में ईंट-पत्थर भी चले। कई लोग घायल हो गए। सिटी पैलेस की ऐसी जंग किसी ने पहले नहीं देखी थी। सोमवार देर प्रशासन ने 1 बजे रात में विवादित जगह को कुर्क घोषित किया है और रिसीवर की नियुक्ति कर दी है। दोनों परिवारों को शांत कराने में पुलिस और प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गईं।
विवाद की असली वजह क्या है?
उदयपुर राजघराने के मुखिया माने जाने वाले महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन हो चुका है। नथद्वारा विधानसभा सीट से विधायक विश्वराज सिंह का मेवाड़ के सिंहासन पर राजतिलक को लेकर ही हंगामा भड़का है। वैसे से देश में राजशाही खत्म हो गई है लेकिन राज घराने, पारंपरिक रूप से इन रस्मों को निभाते हैं। विश्वराज सिंह राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के अंदर धूणी के दर्शन के लिए जा रहे थे लेकिन उनके चाचा के वंशजों ने उन्हें घुसने ही नहीं दिया।
मेवाड़ राजघराने में नए राजा सब राजगद्दी पर बैठते हैं तो धूणी पूजने जाते हैं। भगवान एकलिंग के मंदिर में पुजारी, नए राजा को राजदंड देते हैं। राजघराने के लोग मानते हैं वे भगवान एकलिंग के दीवान हैं। इसी रस्म को रोकने पर बवाल भड़का है। विश्वराज सिंह कथित तौर पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उनके चाचा के परिवार ने यहां आने नहीं दिया।

परिवार की लड़ाई में परेशान पुलिस-प्रशासन
उदयपुर के सिटी पैलेस के बाहर पुलिस और प्रशासन तक को आना पड़ा। अंदर से पत्थर फेंके जा रहे थे। पुलिसकर्मी अब हाई अलर्ट पर हैं। अरविंद सिंह ने नोटिस देकर कहा है कि जो भी अतिक्रमण करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जाएगा।
राजघराने में हिंसक लड़ाई की वजह क्या है?
विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच अनबन बहुत पुरानी है। दोनों महाराणा प्रताप के वंशज हैं। अरविंद सिंह, सिटी पैलेस में रहते हैं, एकलिंगनाथ मंदिर का प्रबंधन उनके हाथों में हैं। उन्होंने राजघराने की रस्म ही निभाने पर रोक लगाई तो विवाद भड़क गया।
महेंद्र सिंह की मृत्यु के बाद विश्वराज सिंह, अब परिवार के नए मुखिया हैं। अरविंद सिंह ने भतीजे की शाही रस्मों को निभाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पारिवारिक मंदिर में उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी, अगर किसी ने घुसने की कोशिश की तो इसे अतिक्रमण माना जाएगा। उदयपुर में एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष और चीफ ट्रस्टी अरविंद सिंह ही हैं। वे सिटी पैलेस की देखरेख भी करते हैं।

पहले हुआ राज्याभिषेक, फिर भड़का बवाल
चित्तौड़गढ़ किले में विश्वराज सिंह का अभिषेक हुआ। उनके समर्थ, उनके साथ महल की ओर बढ़े। भारी सुरक्षा व्यवस्था की वजह से अंदर घुस नहीं पाए। मंदिर में घुसने से उन्हें रोक दिया गया। उनके समर्थकों ने बैरिकेड तोड़कर घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने रोक दिया।
घर की लड़ाई में पुलिस-प्रशासन परेशान
लड़ाई इतनी बढ़ गई कि उदयपुर के कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल समेत बड़े अधिकारियों ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की। विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों से भी लौट जाने के लिए कहा। अरविंद सिंह के बेटे से चर्चा की लेकिन बातचीत नाकाम रही। पुलिस ने प्रशासन को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें सिटी पैलेस में बाली पोल से धूणी तक के इलाके के लिए रिसीवर की नियुक्ति का अनुरोध किया है। विश्वराज सिंह अभिषेक बाद धूणी दर्शन के लिए जा रहे थे, इसी पर हंगामा हो गया। जब उन्हें घुसने से रोका गया तो वे नाराज होकर जगदीश चौक चले गए, यह जगह सिटी पैलेस से थोड़ी ही दूरी पर है।