साल 2024 अपनी खट्टी-मीठी यादों के साथ खत्म होने को है। देश-दुनिया के लोग चंद दिनों में नई संभावनाओं और उम्मीदों के साथ साल 2025 का दिल से स्वागत करेंगे। इस साल देश में ऐसे तमाम घटनाएं हुईं जिन्होंने जनता और भारत को प्रभावित किया। आइए जानते हैं कि 2024 में देश में वो कौन सी बड़ी घटनाएं घटीं...

1. लोकसभा चुनाव 2024

इस साल अप्रैल-मई में देश के आम चुनाव हुए। यह चुनाव ऐतिहासिक रहा क्योंकि दशकों बाद ऐसा हुआ कि किसी गैर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। एक तरफ बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए था तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन था। दोनों ओर से शानदार चुनाव लड़ा गया। 2014 के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि बीजेपी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी और 240 सीटें ही जीत पाई। चुनाव में एनडीए को 293 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 234 सीटें मिली। दस सालों से जो विपक्ष संसद में दबा हुआ दिखाई देता था वह इस बार के चुनाव में मजबूती के साथ वापस लौटा।

कांग्रेस को इस चुनाव में 99 सीटें मिली, जिसके बाद पार्टी को 10 साल के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता की कुर्सी मिली। वहीं, उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन करते हुए अखिलेश यादव की समाजावदी पार्टी ने 37 लोकसभा सीटें जीतीं, जिसकी वजह से बीजेपी को बहुमत से दूर होना पड़ा।      
 

2. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 

ऐतिहासिक अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई। यह घटनाक्रम साल 2024 के सबसे बड़े घटनाक्रमों में से एक था। अयोध्या में बीते दिन 500 सालों में आयोजित यह सबसे बड़ा समारोह था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया था। इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए मनोरंजन, खेल, उद्योग और राजनीतिक जगत की कई बड़ी हस्तियां अयोध्या पहुंची थीं।

3. हाथरस भगदड़

हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में 2 जुलाई को सूरजपाल उर्फ ​​भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मरने वालों और घायलों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। 

3 जुलाई को यूपी सरकार ने हाथरस त्रासदी की जांच और भगदड़ के पीछे साजिश की संभावना की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है।

4. रतन नवल टाटा का देहांत 

इस साल उद्योग जगत से जुड़े देश के बड़े दिग्‍गज बिजनेसमैंन और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा दुनिया को अलविदा कह गए। उनका 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे।

रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे। इसके बावजूद वह कभी अरबपतियों की किसी लिस्ट में शामिल नहीं रहे। वह 30 से ज्यादा बड़ी कंपनियां के मालिक थे, जिसका कारोबार छह कॉन्टिनेंट के 100 से ज्यादा देशों में फैली हैं। इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। 


5. आदित्य- एल-1 स्पेस क्राफ्ट 

आदित्य एल 1 भारत का कोरोनोग्राफी अंतरिक्षयान है जिसे सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए बनाया गया है। इस मिशन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने डिजाइन और विकसित किया है। आदित्य एल 1 मिशन धरती और सूर्य के बीच L1 बिंदु के चारों ओर एक कक्षा में स्थआपित किया जाएगा, जहां यह सौर वातावरण, सौर चुंबकीय तूफान और धरती के आसपास के वातावरण पर इसके प्रभाव का अध्ययन करेगा। 

यह मिशन सूर्य का निरीक्षण करने वाला पहला भारतीय मिशन है। मिशन को सितंबर 2023 में लॉन्च किया गया था। लेकिन इसे इसी साल 6 जनवरी 2024 को इसके ऑर्बिट प्वाइंट (L1) में स्थापित कर दिया गया। 

6. वायनाड हादसा   

दक्षिण भारतीय राज्य केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई 2024 को पहाड़ से बहकर आए सैलाब ने करीब 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव को तबाह कर दिया। सैकड़ों लोग मलबे में दब गए। लगभग 160 लोगों की मौत दर्दनाक मौत हो गई। इसके साथ ही इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए, जिनका पता नहीं लग पाया। 

हाल के दिनों में वायनाड त्रासदी सबसे भयानक प्राकृतिक त्रासदियों में से एक है। यह कुछ-कुछ केदारनाथ त्रासदी की तरह थी क्योंकि इस तबाही ने रातों-रात चारों तरफ बर्बादी ला दी और बड़ी तादात में लोग मारे गए।

7. इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रतिबंध 

इसी साल लोकसभा चुनाव 2024 से चंद दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक बड़े फैसले में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को अवैध और असंवैधानिक बताकर रोक लगा दी। इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर पिछले साल 31 अक्टूबर से सुनवाई चल रही थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने ने चुनाव से पहले फैसला सुनाया।
 

शीर्ष कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वोटरों को जानने का हक है कि राजनीतिक पार्टियों को फंडिंग कहां से आ रही है और कितनी आ रही है। फैसला सुनाते हुए तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना अनुच्छेद 19(1)(A) का उल्लंघन करता है, जिस वजह से इसे असंवैधानिक करार दिया गया। 

इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक से कोई भी व्यक्ति 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये, एक लाख रुपये, दस लाख और एक करोड़ रुपये में से किसी भी मूल्य के बॉन्ड खरीद सकता था। चुनावी बॉन्ड के जरिए केवल उन्हीं दलों को फंडिंग की जा सकती थी जिन्हें लोकसभा या विधानसभा के लिए पिछले आम चुनाव में डाले गए वोटों का कम से कम 1 फीसदी वोट मिला होता था।

8. नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ 

बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी ने 9 जून 2024 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीसरे मोदी मंत्रिमंडल में 71 मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली। मोदी ने इस बार प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेकर भारतीय राजनीति में इतिहास रचा है क्योंकि मोदी जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता बन गए हैं। 

साथ ही पीएम मोदी के नेतृत्व में किसी गैर कांग्रेस पार्टी की इतने लंबे समय तक और प्रचंड बहुमत के साथ पहली बार केंद्र में सरकार बनी। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी भले ही अपने दम पर बहुमत पाने में सफल नहीं रही लेकिन एनडीए के साथ मिलकर मजबूत सरकार चला रही है।

9. देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू

एक जुलाई 2024 से तीन आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता पूरे भारत में लागू हो गए। तीनों कानूनों ने भारत के मौलिक आपराधिक कानून यानी भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता,1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ले ली।

भारतीय न्याय संहिता में कुछ बदलाव के साथ इसमें 20 नए अपराध जोड़े गए हैं और आईपीसी के 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है। 33 अपराधों के लिए कारावास की सजा बढ़ा दी गई है और साथ ही 83 अपराधों के लिए जुर्माना बढ़ाया गया है। 

10. जम्मू-कश्मीर में सरकार 

इस साल जम्मू-कश्मीर में छह साल के बाद विधानसभा चुनाव 2024 संपन्न हुए। राज्य के चुनावी नतीजों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बाजी मारते हुए कांग्रेस के साथ बहुमत हासिल किया। दोनों पार्टियों ने मिलकर विधानसभा की 90 में से 48 सीटें हासिल की। एनसी को 42 सीटें, तो कांग्रेस को 6 सीटें मिली। जिसके बाद नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर रिकॉर्गनाइजेशन एक्ट पास किया था, जिसके बाद राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, दो हिस्सों में बांटकर दोनों को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। इसके साथ ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस अनुच्छेद 370 और 34A को निरस्त कर दिया। 2019 के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल को शासन चल रहा था।