दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं। केजरीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होने का संदेश दिया है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने अपने वॉलंटियर्स का रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया है। विपक्षियों पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये लोग हमें हराने के लिए इस बार पूरी ताकत लगाएंगे लेकिन हमें इनको जीतने नहीं देना है। केजरीवाल ने कहा कि 75 साल में पहली बार लोगों ने देखा है कि जनता के मुद्दों पर भी राजनीति हो सकती है, हमें इन कामों को रुकने नहीं देना है और उम्मीद कायम रखना है।

 

जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल तुरंत से ही विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लग गए थे। वह दिल्ली की कई विधानसभा सीटों की पदयात्रा भी कर चुके हैं और लगातार पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिल रहे हैं। उम्मीद है कि जनवरी में जब दिल्ली के विधानसभा चुनाव होंगे तब AAP पूरी ताकत से उतरेगी। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी दिल्ली में अपनी न्याय यात्रा शुरू कर दी है। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी भी लगातार दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर हमलावर है। इस बीच नेताओं के दलबदल की शुरुआत भी हो चुकी है और कई नेता टिकट की आस में पाला बदलने लगे हैं।

क्या बोले अरविंद केजरीवाल?

 

केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, 'अगले कुछ महीनों में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं। ये लोग इस बार दिल्ली के चुनाव में हमें हराने के लिए सबकुछ करेंगे, पूरी ताकत लगाएंगे लेकिन हमें इन ताकतों को जीतने नहीं देना है। आम आदमी पार्टी देश की अकेली उम्मीद है। इस उम्मीद को कायम रखना है, इसे आगे बढ़ना है। जरूरत  पड़ने पर देश के लिए तन, मन, धन सबकुछ कुर्बान रखने की तैयारी रखो।' उन्होंने AAP कार्यकर्ताओं से अपील की है कि हो सके तो वे अपने काम से छुट्टी ले लें और इन चुनावों के लिए पूरी तरह से लग जाएं। इस तरह से अरविंद केजरीवाल ने AAP समर्थकों के बीच वैसा माहौल बनाने की कोशिश की है जो 2013 और 2015 में हुआ करता था।

 

दिल्ली में विधानसभा के चुनाव दिसंबर या जनवरी के बीच हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन की संभावनाओं से इनकार किया है। वहीं, सत्ता में वापसी की कोशिशों में जूझ रही बीजेपी इस बार लोक जनशक्ति पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) को कुछ सीटें देकर एक नई रणनीति के तहत चुनाव में उतर सकती है।