महाराष्ट्र में बारामती में पवार बनाम पवार की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। 23 नवंबर को हुई मतगणना में तो अजित पवार की भारी बहुमत से जीत हुई, लेकिन युगेंद्र इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे। या कहें कि ये जो भारी अंतर है यही बात शरद पवार के पोते और बारामती से एनसीपी (एसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले युगेंद्र को खटक रही है। अजित पवार ने एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।
इसीलिए उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में माइक्रो कंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए आवदेन किया है। उन्होंने 19 ईवीएम के माइक्रो कंट्रोलर को सत्यापित करने के लिए जिला प्रशासन के पास आवेदन किया है। इसके लिए उन्होंने 8.98 लाख रुपये का भुगतान भी किया है।
11 अन्य उम्मीदवारों ने भी किया आवेदन
युगेंद्र के अलावा 11 अन्य उम्मीदवारों ने भी माइक्रो कंट्रोलर के वेरिफिकेशन का आवेदन किया है। प्रमुख उम्मीदवारों में राकांपा के हडपसर उम्मीदवार प्रशांत जगताप और पुणे कैंट से कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश बागवे शामिल हैं।
137 EVM के माइक्रो कंट्रोलर की जांच की मांग
बता दें कि जांच के लिए 23 नवंबर को हुए मतगणना के 7 दिनों के भीतर आवेदन करना था। पुणे जिले में कुल 137 ईवीएम सेट में माइक्रो कंट्रोलर के जांच की मांग की गई है। इस पर आने वाले कुल खर्च की फीस 66.64 लाख रुपये है।
कौन कर सकता है जांच की मां
नियम के मुताबिक कोई भी कैंडीडेट जो अपने निर्वाचन क्षेत्र में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहता है, वह अपने विधानसभा क्षेत्र में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में से 5 प्रतिशत के माइक्रो कंट्रोलर की जांच का अनुरोध कर सकते हैं। इसके लिए कैंडीडेट को लिखित में आवेदन करना होता है और वेरिफिकेशन पर आने वाले खर्च की फीस जमा करनी होती है।