राजनीतिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीजेपी की जीत का एक खास कारण है। वह है संगठन के स्तर पर उसकी रणनीति और ज़मीनी स्तर पर लोगों से उसका कनेक्ट। इसके लिए बीजेपी लगातार काम करती रहती है, चाहे वह फोन कॉल के जरिए लोगों को कनेक्ट करना हो चाहे ग्राउंड पर जाकर लोगों को संगठन से जोड़ना। पीएम मोदी भी पार्टी नेताओं लोगों के बीच जाने की अपील करते रहते हैं।

 

सोशल मीडिया के इस युग में इसकी ताकत को राजनीतिक पार्टियां भी जानती हैं। इसीलिए मध्य प्रदेश बीजेपी संगठन ने पहली बार वॉट्सऐप प्रमुख बनाने का काम शुरू किया है। इसके जरिए पार्टी लोगों से ज्यादा से ज्यादा कनेक्ट बना पाएगी।

 

मध्य प्रदेश में बीजेपी के पहले वॉट्सऐप प्रमुख बनने वाले शख्स का नाम रामकुमार चौरसिया है। खबरों के मुताबिक उन्होंने एमएससी तक पढ़ाई की है और मूल रूप से वह रायसेन जिले के रहने वाले हैं। हालांकि, बीते 30 सालों से वह भोपाल में ही रह रहे हैं।

मोदी से प्रभावित होकर बीजेपी से जुड़े

वह कहते हैं कि पीएम मोदी से वह काफी प्रभावित हैं, जिसकी वजह से उनका झुकाव बीजेपी की तरफ हुआ। आज तक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद युवाओं में देश के प्रति जो भाव दुनिया भर में जागा है और जिस तरह से आज दुनिया भारत की ओर देख रही है, उससे उन्हें गर्व महसूस होता है और इसीलिए उन्होंने बीजेपी से जुड़ने का फैसला लिया।

 

कैसा होगा स्ट्रक्चर

इस इनीशिएटिव के जरिए बीजेपी प्रदेश में 65,015 बूथों पर 20 नवंबर तक नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश करेगी। बीजेपी नेताओं को लगता है कि इस इनोवेशन से लोगों से जमीनी स्तर पर जुड़ाव बढ़ेगा।


व्हाट्सएप प्रमुखों की नियुक्ति करना भाजपा द्वारा उसके संशोधित बूथ समिति स्ट्रक्चर का ही एक रूप है। समितियों में 12 सदस्य होंगे, जिनमें बूथ अध्यक्ष, मन की बात प्रमुख और लाभार्थी प्रमुख जैसी भूमिकाएं शामिल हैं। इनमें से तीन सदस्य महिलाएं होंगी। एनडीटीवी के मुताबिक कोलार की पूर्व पार्षद अर्चना गोस्वामी मौजूदा चुनाव में पहली बूथ अध्यक्ष बनीं। उन्होंने कहा, "इस बार हमारा पूरा ध्यान हज़ारों व्हाट्सएप प्रमुख और मन की बात प्रमुख बनाने पर है।"


पन्ना प्रमुख के तरह का प्रयोग

बीजेपी ने लोगों से जमीनी स्तर पर जुड़ने के लिए पन्ना प्रमुख के सिद्धांत को भी अपनाया है, जिसके तहत वोटिंग के दौरान चुनाव आयोग द्वारा जारी किए जाने वोटर लिस्ट में एक पन्ने पर जितने नाम होते हैं, उसकी जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति को दी जाती है। वोटर लिस्ट के एक पन्ने पर करीब 20 लोगों के नाम होते हैं। पन्ना प्रमुख को इन परिवारों के साथ निजी स्तर पर मेलजोल बढ़ाना होता है और उनकी समस्याओं के निराकरण में सहयोग भी करना होता है। इसके अलावा चुनाव के वक्त पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी होती है कि वे उन लोगों को बूथ पर लाएं व वोट देने में सहयोग करें।