महाराष्ट्र की सियासत में महायुति दलों में ही आपसी कलह, नामांकन के बाद साफ नजर आ रहा है। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता नवाब मलिक पर अजित पवार का रुख, भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों को रास नहीं आ रहा है। एनसीपी ने मंगलवार को ऐलान किया कि नवाब मलिक मनखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
नवाब मलिक अजित पवार गुट के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। अब उनके सामने इसी सीट से समाजवादी पार्टी के अबू आजमी भी उतरे हैं। नॉमिनेशन से ठीक 5 मिनट पहले उनका नामांकन, महायुति का सियासी खेल बिगाड़ रहा है। अब सियासी मैदान में असली भूचाल आया है।
नवाब मलिक का कहना है कि अजित पवार उन्हें चुनाव लड़वाना चाहते थे। बीजेपी के पास इसका विरोध करने का अधिकार भी है। उनका कहना है कि शिवाजी नगर के लोग मुझे सपोर्ट करते हैं। यहां त्रिकोणीय मुकाबला है, कोई दोस्ती वाली जंग नहीं है। मैं एनसीपी की ओर से आधिकारिक उम्मीदवार हूं।
मुंबई बीजेपी के चीफ आशीष शेलार ने कहा है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नवाब मलिक का प्रचार नहीं करेंगे। उनका कहना है कि जो लोग अंडरवर्ल्ड डॉन, दाऊद इब्राहिम के साथी हैं, उनके साथ हम नहीं जुड़ सकते हैं। उनका कहना है, 'बीजेपी का इस मुद्दे पर स्टैंड क्लियर है। हमारे सहयोगी साथियों के पास पूरा अधिकार है कि वे अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करें। नवाब मलिक का दाऊद के साथ संबंध है। यह देवेंद्र फडणवीस भी कह चुके हैं, इसे हम भी कह रहे हैं। हम उनका प्रचार नहीं करेंगे।'
सिर्फ वे ही नहीं, बीजेपी नेता कीर्ति सोमैया ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि शिवसेना के सुरेश कृष्ण पाटिल ही महायुति के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। हम उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाएंगे जो वोट जिहाद और आतंक का समर्थन करते हैं।
महाराष्ट्र में मचा घमासान
महाराष्ट्र में इसे लेकर सियासी घमासान भी मच गया है। शिवसेना यूबीटी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि दाऊद का सहयोगी अब आशीष सेलार और देवेंद्र फडणवीस का बेस्ट फ्रैंड फॉर-एवर है। दाऊद का साथी अब बीजेपी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है। देशभक्ति के सर्टिफिकेट बांटने वाले अब कहां हैं आज?
आदित्य ठाकरे ने इस विवाद पर कहा है कि एकनाथ शिंदे को इसका जवाब देना चाहिए। वे दाऊद के सहयोगियों से नहीं मिल सकते हैं। वे उनके साथ बैठ नहीं सकते हैं जो दाऊद के सहयोगी हों। जब उन्होंने यह सब कहा है तब इकबाल मिर्ची का क्या हुआ? दाऊद के सहयोगियों का क्या हुआ? वह जेल नहीं जाना चाहते हैं, इसलिए वे गुजरात भाग गए।'
क्यों नवाब मलिक के नाम पर मचा है हंगामा?
नवाब मलिक महा विका अघाड़ी सरकार में एनसीपी के खेमे से मंत्री थे। उन्हें साल 2022 में NIA ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों से जुड़े एक केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय हेरफेर के कई गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर दाऊद के गुर्गों के साथ मिलकर जमीन कब्जाने तक के आरोप लगे हैं। नवाज मलिक को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिली है। अजित पवार ने जब पार्टी तोड़ी तो वे उन्हें अपने साथ लेकर आए गए। अब उन्हीं के नाम पर हंगामा बरपा है।