वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंची प्रियंका गांधी ने अपने पहले भाषण में कहा कि भारतीय संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकंक्षा की वह ज्योति है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है। प्रियंका गांधी ने अपने पहले ही भाषण में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश जाहिर किया और कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतकर सत्ता में आ जाती तो संविधान बदल देती।

प्रिंयका गांधी ने कहा कि संविधान ने हर देशवासी को अधिकार दिया है कि वह सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता है। यह ज्योति हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है, देश की दौलत में, संपत्ति में, संसाधनों में उसका हिस्सा भी है। उसे एक सुरक्षित भविष्य का अधिकार है। देश बनाने में भी उसकी भागीदारी है। उम्मीद और आशा की यह ज्योति मैंने हिंदुस्तान के हर कोने में देखी है। प्रियंका गांधी के भाषण की पढ़ें 10 अहम बातें।

1. 'संविधान है उम्मीद'
प्रियंका गांधी ने कहा, 'उन्नाव में मैं एक रेप पीड़िता के घर गई। उसे जलाकर मार डाला गया। वह 20-21 साल की होगी। हमारे भी बच्चे हैं। अगर हमारी बेटी के साथ-साथ बार-बार बलात्कार हो, उसे मार डाला गया तो हम पर क्या बीतती। बच्ची के पिता से मिली। उसके खेत जलाए गए, भाइयों को पीटा गया, पिता को घसीटकर मारा गया। उसके पिता ने मुझसे कहा कि न्याय चाहिए। उसकी बेटी जिला दर जिला केस दर्ज कराने के लिए भटकी। वह रोज सुबह 6 बजे उठकर तैयार होकर अपने मुकदमे को लड़ने के लिए जाती थी। मैंने उससे कहा कि छोड़ दो लड़ाई। ये मेरी लड़ाई है मैं लड़ूंगी।' यह ताकत उसे संविधान ने दी है। 

2. 'लड़ने की हिम्मत देता है संविधान'
प्रियंका गांधी ने कहा, 'आगरा में अरुण वाल्मिकी के घर गई। अरुण वाल्मिकी पुलिस स्टेशन में काम करता था। नई शादी हुई थी, उसका बच्चा था। पुलिस स्टेशन में चोरी हुई तो उसे पुलिस स्टेशन में ठूंस दिया गया। उसे पीट-पीटकर मार डाला। बीवी की पीटा, पिता के नाखून नोच लिए गए, उसकी विधवा ने कहा कि हमें न्याय चाहिए, यह हिम्मत संविधान ने दी है।' 

3. 'लोकतांत्रिक आशा का नाम है संविधान'
प्रिंयका गांधी ने संभल पीड़ितों का जिक्र करते हुए कहा कि जो मारे गए हैं वह दर्जी के बेटे हैं। उनके पिता हर दिन उन्हें स्कूल छोड़ते थे। जिस दिन हिंसा भड़की, उसके पिता वहां से लौट रहे थे और मार दिए गए। 17 साल का अदनान कहता है कि  मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा, पिता का सपना साकार करूंगा। यह संविधान ने उसे आशा दी है। 

4. 'अभिव्यक्ति का कवच है संविधान'
संविधान अभिव्यक्ति का कवच है। सत्ता पक्ष के साथियों ने 10 साल में इस सुरक्षा को कवच को तोड़ा है। संविधान में सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय के वादा को तोड़ दिया है। इसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। लैटरल एंट्री के जरिए सरकार इसे कमजोर करने की कोशिश की है। अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए तो ये संविधान बदल देते। संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी।

5. 'जाति जनगणना'
प्रियंका गांधी ने कहा है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। यह पता लगना चाहिए कि किसकी कितनी आबादी है, उसी आधार पर सरकार नीतियां बनाएं। सरकार ऐसा करने से बच रही है।

6. पब्लिक सेक्टर यूनिट्स पर क्या बोलीं प्रियंका?
प्रियंका गांधी ने कहा कि देश को जवाहर लाल नेहरू ने देश को पब्लिक सेक्टर यूनिट दिया है। उन्होंने BHEL, GAIL, IIT, IIM जैसे संस्थान दिए हैं। नेहरू किताब से हटाया जा सकता है, जनता की सोच से नहीं।

7. प्रियंका गांधी ने गिनाई उपलब्धियां
प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने गरीब आदिवासियों को हक दिया। बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। भविष्य को मजबूत करने के लिए काम किया। किसान और आदिवासियों की भलाई के लिए कानून बनाया। हमारे संविधान ने महिलाओं को अधिकार दिया। नारी शक्ति के बिना ये सरकारें नहीं बन सकती हैं। 

8. नारी शक्ति अधिनियम पर सवाल
प्रियंका गांधी ने कहा कि नारी शक्ति अधिनियम आप 10 साल बाद क्यों ला रहे हैं। क्या आज की नारी 10 साल इंतजार करेगी। 

9. 'आर्थिक न्याय का सुरक्षा कवच टूटा'
प्रियंका गांधी ने कहा कि वायनाड से लेकर ललितपुर तक किसान परेशान हैं। उद्योगपतियों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के किसान रो रहे हैं। एक व्यक्ति के लिए सब कुछ बदला जा रहा है। अदाणी ग्रुप को सारी कोल्ड स्टोरेज सरकार ने दी है। देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 142 करोड़ की जनता को नकारा जा रहा है।

10. 'अदाणी पर मेहरबान सरकार'
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा है कि गौतम अदाणी के लिए सरकार काम कर रही है। सारे बंदरगाह और एयरपोर्ट गौतम अदाणी को बांटे जा रहे हैं। एक व्यक्ति के लिए सभी को नजर अंदाज किया जा रहा है। सरकारों को पैसों के बल पर गिराए जा रहे हैं। 

प्रियंका ने और क्या कहा?
प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी वाशिंग मशीन की तरह काम कर रही है। यहां दाग रहता है, वहां बेदाग हो जाते हैं। भारत का संविधान संघ का विधान नहीं है। मोहब्बत की दुकान के साथ करोड़ों देशवासी चले। देशवासियों के मन में एक-दूसरे के लिए प्रेम है, घृणा नहीं है। विभाजनकारी नीतियों का नतीजा हम हर दिन देखते हैं। देश की एकता बाधित की जा रही है। संभल से लेकर मणिपुर तक ऐसे हालात हैं। हमारा संविधान कहता है कि देश एक है, देश एक रहेगा। अभिव्यक्ति का सुरक्षा कवच अब भय का माहौल है।